कानपुर (ब्यूरो) सभी बड़ी परीक्षाओं के परीक्षा केंद्र कानपुर में बनाए जा रहे हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में बिहार और आगरा के बदनाम शिक्षा माफिया की नजर में शहर चढ़ा हुआ है। कोङ्क्षचग मंडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बिहार और आगरा से जुड़े शिक्षा माफिया ने कानपुर में परीक्षा केंद्रों की स्थापना के लिए बीते सालों में करोड़ों का निवेश किया है। इन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से शहर में तमाम स्थानों पर परीक्षा केंद्र खोले और वहां पर जमकर नकल कराई। नहीं पकड़े गए तो करोड़ों की रकम अंदर और पकड़े गए तो सेंटर बंद करके फरार। सूत्रों के मुताबिक कल्याणपुर और पनकी के चार से पांच परीक्षा केंद्र पिछले एक साल में अचानक बंद हो गए। सभी परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी की शिकायती सामने आई थीं।
दारोगा भर्ती परीक्षा में धांधली
सॉल्वर गिरोह ने पुलिस की दारोगा परीक्षा भर्ती में भी जमकर हाथ अजमाए हैं। सामने आया है कि पिछले साल दारोगा भर्ती की लिखित परीक्षा में नकल के जो मामले सामने आए थे, वे बेहद चौकाने वाले हैं। सर्विलांस से कई मामलों को पकड़ा गया है, जिसमें मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है। कानपुर में एक मामला पनकी के राम लखन महाविद्यालय को लेकर दर्ज हुआ था। पुलिस की शुरुआती जांच में रिमोट से परीक्षा केंद्र स्थित कम्प्यूटर की स्क्रीन हैक करने की बात सामने आ रही है।
चंद मिनटों में ढेरों सवाल हल
परीक्षाथी की कंप्यूटर स्क्रीन हैक करने के लिए हैकर द्वारा एक विशेष एप का इस्तेमाल किया गया। जिसके जरिए कम्प्यूटर स्क्रीन को हैक कर अपने लैपटॉप या कम्प्यूटर पर खोल लिया और फटाफट सवाल कर दिए। इसीलिए इन मामलों में चंद मिनटों में ढेरों सवाल हर कर दिए गए। पनकी थाना प्रभारी अंजन कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि उनके थाने में दर्ज मुकदमे की जांच की जा रही है। जांच में हैकरों का हस्तक्षेप सामने आ रहा है। अभी जांच शुरूआती स्तर पर है।
अगर परीक्षा केंद्र का कोई व्यक्ति हैकर्स से मिल जाए तो रिमोट एक्सेस कंट्रोल सॉफ्टवेयर के जरिए कम्प्यूटर स्क्रीन को हैक करके दूसरे कम्प्यूटर पर खोला जा सकता है। ऑनलाइन परीक्षाओं में इन दिनों यह खूब हो रहा है। इस तरह के मामले सामने आए हैं।
अरविंद मोहन शर्मा, साइबर एक्सपर्ट