कानपुर(ब्यूरो)। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाद अब जल्द ही हैलट अस्पताल सौर ऊर्जा से जगमग होगा। अस्पताल में 1.5 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। स्वास्थ्य निदेशालय से एनओसी मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा। नेडा से चयनित उद्यमी अपने खर्च पर सोलर प्लांट लगाकर केस्को से कम कीमत पर हैलट अस्पताल को बिजली आपूर्ति करेगा।

इनडिपेंडेंट फीडर से सप्लाई
मेडिकल कालेज में 450 केवी का सोलर प्लांट लगा है। अब हैलट अस्पताल में मेडिकल कालेज के कुछ हिस्से में बिजली आपूर्ति के लिए सोलर प्लांट लगाने की तैयारी हो गई है। अस्पताल में अभी केस्को स्वतंत्र फीडर से बिजली आपूर्ति करता है। कभी-कभार फाल्ट होने पर बिजली गुल होने से मरीजों को काफी दिक्कत होती है। सोलर प्लांट लगने से मरीजों को परेशानी से नहीं जूझना पड़ेगा। नेडा ने टेंडर मांग कर सोलर प्लांट लगाने की जिम्मेदारी कुछ उद्यमियों को दी है।

4.99 रुपये प्रति यूनिट
सरकारी मंजूरी के बाद यह लोग अपने खर्च पर सोलर प्लांट लगाते हैं। सोलर प्लांट लगाकर एक सब स्टेशन बनाया जाता है। उससे आफ या आन ग्रिड बिजली आपूर्ति की जाती है। आफ ग्रिड के तहत बैटरी बैंक बनाकर बिजली स्टोर कर जरूरत के हिसाब से और आन ग्रिड सीधे बिजली आपूर्ति होती है। अस्पताल को 4.99 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति की जाएगी। केस्को आठ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति करता है। सोलर प्लांट लगने से हैलट अस्पताल को सस्ती बिजली मिलने लगेगी।


एनओसी मिलते ही हैलट अस्पताल में सोलर प्लांट लगाया जाएगा। सौर ऊर्जा नीति के तहत ज्यादा से ज्यादा सरकारी दफ्तरों के भवनों में सोलर प्लांट लगवाने की तैयारी है। इससे बिजली की मांग कम होने के साथ बिल भी कम आएगा। लोगों में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता आई है। लोग घरों में सोलर प्लांट लगा रहे हैं। प्लांट लगाने पर सब्सिडी भी मिलती है।
-अनूप कुमार श्रीवास्तव, प्रोजेक्ट ऑफिसर नेडा