- क्राइम ब्रांच ने शहर में नशीली और नकली दवाओं को खपाने वाले बड़े गिरोह का किया पर्दाफाश
- लखनऊ पुलिस के साथ की गई छापेमारी, नाइट्रावेट और जिफी की 70 हजार से ज्यादा टेबलेट बरामद
kanpur : क्राइम ब्रांच ने शहर में नशीली और नकली दवाओं को खपाने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग में शामिल दो शातिरों को भी गिरफ्तार किया है। इनके पास से नशीली और नकली दवाओं की बड़ी खेप बरामद हुई है। पुलिस दवा सप्लाई के पूरे नेटवर्क के तार खंगालने में जुटी है।
दबौली टेम्पो स्टैंड के पास
दबौली टेम्पो स्टैंड के पास से क्राइम ब्रांच व गोविंद नगर पुलिस ने जगई पुरवा निवासी पिंटू गुप्ता उर्फ गुड्डू और बेकनगंज निवासी आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार किया। उनके पास से 5 गत्ते नाइट्रावेट 10 एमजी, 59 डिब्बे में 17,770 टेबलेट और जिफी-200 एमजी के 320 डिब्बे बरामद हुए हैं। जिनमें 48000 टेबलेट हैं।
बॉक्स
रोडवेज बसों से तस्करी
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि पिंटू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से इन दवाओं को लाकर आसिफ मुहम्मद खां उर्फ मुन्ना को सौंपता था। ये सप्लाई का पूरा काम रोडवेज बसों से किया जाता था। बस में माल लोड होने के बाद उस बस और नंबर प्लेट की फोटो खींचकर कंडक्टर का मोबाइल नंबर व नाम एक पर्ची में लिखकर वाट्स एप से भेज दिया जाता था।
लखनऊ से जुड़े तार
पिंटू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से दवाओं की सप्लाई करता था। क्राइम ब्रांच की टीम लखनऊ पुलिस के साथ राजधानी लखनऊ में भी नेटवर्क के तार खंगालने में जुटी है। इन दवाओं की सप्लाई लखनऊ से बहराइच, गोंडा और बाराबंकी समेत यूपी के तमाम जिलों में होती थी।
नशे के लिए इस्तेमाल
अपर पुलिस आयुक्त दीपक भूकर ने बताया कि पकड़ी गई जिफी दवा में साल्ट की जगह खडि़या भरी हुई थी। जबकि नाइट्रावेट -10 एमजी की टेबलेट शेड्यूल एच ड्रग है। इसे डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन पर दिया जाता है। कई लोग मेडिकल स्टोर्स से नशे के रूप में इसे इस्तेमाल करने के लिए खरीदते हैं।
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नकली और नशीली दवाओं की सप्लाई का नेटवर्क कई जनपदों में फैला है। क्राइम ब्रांच की टीम जल्द ही पूरे गिरोह के बदमाशों की गिरफ्तारी करेगी।
दीपक भूकर, एडीसीपी क्राइम