सेंट्रल मिनिस्ट्री की देखरेख में केस्को ने तैयार किया प्रोजेक्ट

- एसएमएस भेजने के लिए केस्को ने डिवीजन, सबस्टेशन और फीडर वाइज कन्ज्यूमर्स की बुक संख्या कोडिंग की

-एसएमएस भेजने को कन्ज्यूमर के सेलफोन नम्बर जुटा रहा है, हजारों नंबर किए कलेक्ट

KANPUR: आपके एरिया में बत्ती गुल होती है तो आपके मन में आने वाला सबसे पहला सवाल होता है कि लाइट क्यों गई? फिर ये रोस्टरिंग है या कोई फाल्ट हुआ है, कितनी देर में लाइट आएगी? इन तमाम सवालों से आप घिर कर परेशान हो जाते हैं, लेकिन अब आने वाले समय में आपके तमाम सवालों का जवाब एक एसएमएस से मिल जाएगा। केस्को की तरफ से भेजा गया मैसेज आपकी सारे सवालों का हल साबित होगा। इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट सेंट्रल पॉवर मिनिस्ट्री के अफसर भी केस्को से ले रहे हैं।

कोडिंग और कलेक्शन का काम तेज

केस्को 18 डिवीजन, 82 सबस्टेशन और उनसे निकलने वाले 410 फीडर के बेस पर बुक संख्या कोडिंग कर रहा है। इससे केस्को को फीडर वाइज कन्ज्यूमर्स की जानकारी हो जाएगी है। फूलबाग, बिजलीघर, गोविन्द नगर, बर्रा विश्व बैंक, दहेली सुजानपुर सहित 16 डिवीजन में यह कोडिंग कम्प्लीट कर ली गई है। अब केवल दो डिवीजन में कोडिंग का काम बाकी रह गया है। इसके साथ ही केस्को कन्ज्यूमर को सेलफोन नम्बर भी कलेक्ट कर रहा है। इसके लिए बिलिंग कम्पनी के इम्प्लाइज के अलावा बिल जमा करने वाले कैश काउंटर पहुंचने वालों से सेलफोन नम्बर जुटाने की जिम्मेदारी कैशियर को सौंपी गई है। केस्को अफसरों के मुताबिक 70 हजार से अधिक कन्ज्यूमर के सेलफोन नम्बर कलेक्ट किए जा चुके हैं।

कॉल सेंटर के जिरए होगा अमल

पिछले दिनों केस्को एमडी सेल्वा कुमारी जे ने पॉवर सप्लाई डिस्ट्रिब्यूशन से जुड़े एई, एक्सईएन, एसई के साथ मीटिंग की थी। हर हाल में उन्हें फॉल्ट, ब्रेकडाउन की जानकारी केस्को कॉल सेंटर को देने को कहा गया है। जिससे कि कॉल सेंटर के जरिए बिजली संकट की जानकारी कन्ज्यूमर्स को दी जा सके। केस्को अफसर आरडी पांडेय ने बताया कि फॉल्ट, ब्रेकडाउन की जानकारी संबंधित एसएमएस कन्ज्यूमर को पहुंचाने के लिए बिलिंग सर्वर एम पॉवर के मास्टर डेटा, ऊर्जा मित्र साफ्टवेयर का यूज किया जाएगा। डिवीजन, उनसे जुड़े सबस्टेशन और सबस्टेशन से निकलने वाली फीडर से जुड़े कन्ज्यूमर की बुक संख्या के बेस पर नए सिरे से कोडिंग की गई है। यह पूरा मास्टर डेटा कॉल सेंटर पर रहेगा। जैसे ही किसी फीडर में फॉल्ट, ब्रेकडाउन की जानकारी मिलेगी, तुरन्त ही कॉल सेंटर के जरिए कोडिंग के मास्टर डेटा से संबंधित कन्ज्यूमर्स को सेलेक्ट कर लिया जाएगा। उन्हें फॉल्ट, ब्रेकडाउन के साथ उसके सही होने में लगने वाले समय की जानकारी का एसएमएस भेज दिया जाएगा।

सेंट्रल पॉवर मिनिस्ट्री की नजर

इस पूरे प्रोजेक्ट पर सेंट्रल पॉवर मिनिस्ट्री भी नजर रख रही है। पूर्व केस्को एमडी और सेंट्रल पॉवर मिनिस्ट्री में आईपीडीएस की जिम्मेदारी संभाल रहीं सीनियर आईएएस रितु माहेश्वरी भी इस प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट ले रही है। केस्को अफसरों का मानना है कि केस्को में इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर अन्य डिस्कॉम और स्टेट में लागू किया जा सकता है। इससे केस्को अफसरों के हौसले बुलन्द है।

बवाल, तोड़फोड़ नहीं होगी

अभी तक लोगों को पॉवर क्राइसिस की जानकारी नहीं हो पाती है। फाल्ट, ब्रेकडाउन होने पर सबस्टेशन, जेई, एई के फोन नहीं उठते हैं। इससे पब्लिक में गुस्सा बढ़ जाता है। वह सबस्टेशन पर धावा बोलकर तोड़फोड़ और रोड जाम करती है। गर्मियों में इस तरह घटनाएं बढ़ जाती है। केस्को अफसरों के मुताबिक लाइट क्यों गुल हैं और कब आएगी? इसकी एसएमएस से पब्लिक को जानकारी हो जाएगी। इससे निश्चित तौर तोड़फोड़, रोड जाम पर पब्लिक अमादा नहीं होगी।

एट ए ग्लांस

डिवीजन- 18

सबस्टेशन- 82

ट्रांसफॉर्मर- 4549

टोटल फीडर- 410

एलटी लाइन- 2500 किमी.1

कन्ज्यूमर-539051

डोमेस्टिक- 4,39,924

कामार्शियल- 73,187

स्माल एंड मीडियम इंडस्ट्रीज- 8994

पब्लिक इंस्टीट्यूशंस- 702