- एनएसआई में एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम में जुटे एक्सपर्ट
KANPUR: वेडनसडे को नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट में एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया। इस मौके पर प्रोग्राम के चीफ गेस्ट सीएसए के वाइस चांसलर प्रो। सुशील सोलोमन ने कहा कि अब स्मार्ट शुगर केन वैरायटी पर फोकस करना ही बेहतर होगा। इससे कम पानी में ज्यादा प्रोडक्शन होगा। नेचुरल रिसोर्स का कम यूज करके पर्यावरण का संरक्षण भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अगर यह सब करने में हम कामयाब रहे तो फिर आर्थिक स्थिति बेहतर करने से कोई रोक नहीं पाएगा।
एथेनॉल के प्रोडक्शन पर करें फोकस
शुगर इंडस्ट्री के एक्सपर्ट डॉ। एमएस सुंदरम ने कहा कि शुगर इंडस्ट्री को अपना सिस्टम चेंज करना चाहिए। अब पेट्रोल में एथेनॉल की मिक्सिंग के लिए लगातार एथेनॉल की डिमांड की जा रही है। अभी हमारे देश में जितना एथेनॉल चाहिए, उतना प्रोडक्शन नहीं हो रहा है। शुगर मिलों को ज्यादा से ज्यादा एथेनॉल के प्रोडक्शन पर फोकस करना चाहिए ताकि उनकी माली हालत में सुधार हो जाए। डॉ। जीएससी राव ने कहा कि हमे शुगर केन प्रोडक्शन में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का यूज करना चाहिए। मार्केट की जैसी डिमांड हो, उसके अनुसार प्रोडक्ट बनाएंगे तो उससे शुगर इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा।
खपत से ज्यादा होगा प्रोडक्शन
एनएसआई डायरेक्टर ने कहा कि इस पिराई सत्र में भी चीनी का प्रोडक्शन डिमांड से ज्यादा होने की प्रबल संभावना है। अभी भी हमारी 6 माह की डिमांड से करीब 14.6 मिलियन टन शुगर ज्याद बन चुकी है। प्रोग्राम में प्रो डी स्वेन, प्रो एके गर्ग मौजूद रहे।