- बिजली चोरी वाले मोहल्लों में लगने थे स्मार्ट मीटर, लग रहे डिजिटल मीटर
- पहले इंटीग्रेशन और अब सॉफ्टवेयर की खींचतान में लग नहीं पा रहे हैं स्मार्ट मीटर
KANPUR: केस्को के स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के रास्ते में आने वाली रुकावटें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले इंटीग्रेशन और अब सॉफ्टवेयर की प्रॉब्लम खड़ी हो गई है। जिसकी वजह से केस्को में कैद स्मार्ट मीटर लोगों के घर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
बिजली चोरी वाले मोहल्लों में
सिटी में 3 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। यूपीपीसीएल ने करीब तीन महीने पहले केस्को को 10 हजार स्मार्ट मीटर दे दिए थे। इन मीटर्स को अधिक बिजली चोरी व लाइन लॉस वाले डिवीजनों में लगाया जाना है। इसके लिए बिजलीघर परेड और कोपरगंज आलूमंडी डिवीजन को चुना गया है। इन डिवीजनों में सर्वे भी शुरू हो चुका है। स्मार्ट मीटर लगाए जाने से पहले केस्को ने ट्रायल के तौर पर दो जगहों पर 21 स्मार्ट मीटर भी लगा दिए हैं। इन्हें लगे हुए भी दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। पर अभी तक स्मार्ट मीटर लगना शुरू नहीं हो सके हैं। जबकि बिजलीघर परेड डिवीजन में अंडरग्राउंड पॉवर नेटवर्क बिछाकर घरों के बाहर मीटर लगाने का काम भी शुरू हो चुका है। मीटर लगाकर नए कनेक्शन भी दिए जा रहे हैं।
स्मार्ट नहीं डिजिटल मीटर लगा रहे
फिलहाल इस डिवीजन में स्मार्ट मीटर की जगह डिजिटल मीटर ही लगाए जा रहे हैं। केस्को सोर्सेज के मुताबिक इसके पीछे बड़ी वजह सॉफ्टवेयर को लेकर मची खींचतान है। फिलहाल केस्को में बिलिंग प्रॉसेज के लिए एक प्राइवेट कम्पनी का सॉफ्टवेयर चल रहा है। जबकि स्मार्ट मीटर के लिए ईईएसएल का सॉफ्टवेयर लगाया जाना है। इससे पहले सर्वर से इंटीग्रेशन को लेकर समस्या बनी हुई थी। केस्को ऑफिसर सीएसबी अंबेडकर ने बताया कि समस्या सुलझा ली गई है। जल्द ही स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम शुरू किया जाएगा।
-- 58426 कनेक्शन हैं बिजलीघर परेड डिवीजन में
-- 40223 कन्ज्यूमर हैं कोपरगंज आलूमंडी डिवीजन में
-- 10 हजार स्मार्ट मीटर मिल चुके हैं केस्को को
-- 2 जगहों पर केस्को 21 मीटर लगाकर कर रहा है ट्रायल
-- 3 महीने पहले आ गए थे स्मार्ट मीटर