कानपुर(ब्यूरो)। कानपुर सिटी के 40 से अधिक प्रमुख चौराहों पर सिग्नल की वजह से लगने वाले जाम से जल्द ही कानपुराइट्स को राहत मिल जाएगी। अब चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल के फेर में बेवजह नहीं रुकना पड़ेगा। वाहनों को उतनी ही देर रुकना पड़ेगा जितने देर में सभी वाहन सिग्नल से गुजर जाए। इसको लेकर ट्रैफिक विभाग चौराहों के ट्रैफिक लोड का सर्वे करेगा।

सर्वे रिपोर्ट के आधार पर
ट्रैफिक डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर चौराहों से गुजरने वाले तकरीबन वाहनों की संख्या तय होगी। वाहनों की संख्या के हिसाब से चौराहों पर लगे सिग्नल लाइट के टाइमर को सेट किया जाएगा। ताकि एक बार में एक दिशा से सभी वाहन गुजर जाएं। इसके बाद ही रेड सिग्नल होगा। ऐसी स्थिति में वाहन सवारों को रेड सिग्नल के बाद ग्रीन सिग्नल होने के लिए दो से तीन बार इंतजार नहीं करना होगा।

तीन साल में बढ़े ढाई लाख वाहन
कानपुर में दिन में दिन वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। जब कि सडक़ों की चौड़ाई की स्थिति सालों से जस की तस है। वहीं चौराहों व फुटपाथ पर अतिक्रमण भी जाम लगने का मुख्य कारण है। आरटीओ डिपार्टमेंट के आंकड़ों की माने तो कानपुर सिटी में बीते तीन सालों में ढाई लाख से अधिक वाहनों की संख्या बढ़ी है। इससे सडक़ों पर ट्रैफिक लोड बढऩे से जाम की स्थिति पैदा हो रही है।

यहां ट्रैफिक लोड अधिक
- जरीब चौकी, टाटमिल चौराहा
- यशोदा नगर बाईपास, रामादेवी चौराहा
- बड़ा चौराहा, विजय नगर चौराहा
- नरौना चौराहा, परेड चौराहा
- लालइमली चौराहा, ईदगाह चौराहा
- गोलचौराहा, कोकाकोला चौराहा

74 करोड़ खर्च फिर भी नहीं सुधार
सिटी के ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए बीते पांच सालों में शासन ने 74 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इसके बावजूद कानपुराइट्स को सिटी के प्रमुख चौराहों पर लगने वाले जाम से मुक्ति नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक आईटीएमएस के तहत शासन ने 32 करोड़ से अधिक रुपए खर्च किए। वहीं स्मार्ट सिटी के तहत 42 करोड़ से अधिक रुपए खर्च किए गए। लिहाजा अब ट्रैफिक विभाग ने कानपुराइट्स को जाम से राहत दिलाने के लिए नया प्लान तैयार किया है।

ऐसे बढ़ रही वाहनों की रफ्तार
वर्ष - वाहनों की संख्या
2019 - 1290387
2020 - 137032
2021 - 150271
2022 - 160263