- आईसीएआई की डिजिटल अकाउं¨टग एंड एश्योरेंस कमेटी ने फोरेंसिक अकाउं¨टग एंड इनवेस्टीगेशन के स्टैंडर्ड तैयार किए
-राष्ट्रीय काउंसिल से मुहर के बाद होने लगेगा यूज, 17-18 मई की बैठक में रखा जाएगा, सीए के लिए अनिवार्य हो जाएगा
KANPUR: यदि आप चार्टर्ड एकाउंटेंट का कोर्स कर रहे हैं या करने जा रहे हैैं तो इस खबर को जरूर पढ़ लें। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की डिजिटल अकाउं¨टग एंड एश्योरेंस कमेटी ने एक वर्ष की मेहनत के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए फोरेंसिक अकाउं¨टग एंड इनवेस्टीगेशन स्टैंडर्ड तैयार किए हैं। राष्ट्रीय काउंसिल से मुहर लगने के बाद यह सीए के लिए यह कंपलसरी हो जाएगा।
फाइनेंशियल क्राइम की जांच में
केंद्रीय परिषद की 17 व 18 मई को होने वाली बैठक में इन्हें रखा जाएगा। सेंट्रल काउंसिल की मुहर लगते ही इसका इस्तेमाल चार्टर्ड अकाउंटेंट फोरेंसिक इनवेस्टीगेशन में करेंगे। अभी तक किसी भी वित्तीय अपराध में फोरेंसिक जांच करने का कोई सेट मानक नहीं है। इसकी वजह से जो संस्था जांच करवाती थी वह भी संतुष्ट नहीं हो पाती थी कि जांच सही हुई है या नहीं और जो सीए जांच करता था, उसे भी लगता था कि कहीं उसकी किसी गलती के लिए उसे दंडित ना कर दिया जाए। इन हालात को देखते हुए एक वर्ष आईसीएआई ने फोरेंसिक अकाउं¨टग एंड इनवेस्टीगेशन स्टैंडर्ड तैयार करने की शुरुआत की।
जिम्मेदारी संस्थान की कमेटी को
इसकी जिम्मेदारी संस्थान की डिजिटल अकाउं¨टग एंड एश्योरेंस कमेटी को दी गई। इन स्टैंडर्ड को तैयार करने के लिए देश के 60 चार्टर्ड अकाउंटेंट इस योजना से जुड़े। जो अपने स्तर से इस पर कार्य कर रहे थे। इसके अलावा एक कमेटी भी बनाई गई जिसमें कानपुर, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु आदि जगहों से लोग शामिल थे। इनकी बैठक हर सप्ताह होती थी।
17 स्टैंडर्ड इस साल पास कराए
यह कमेटी 17 स्टैंडर्ड इस वर्ष के बीच पास करा चुका था और अब आखिरी आठ स्टैंडर्ड तैयार कर काउंसिल के सामने रखे जाएंगे। हर बार स्टैंडर्ड तैयार करने के बाद उन्हें जनता के सवालों के लिए पेश किया जाता है। इन्हें 32 विभागों को भी दिया जाता रहा है। इनके सुझावों को उनमें शामिल करने के बाद उन्हें फाइल किया गया।
काउंसिल में पास होने के बाद शुरुआत में यह वैकल्पिक होगा लेकिन भविष्य में इसे अनिवार्य किया जाएगा। सभी सीए को इन्हीं मानकों पर चलते हुए कोई भी जांच करनी होगी। इससे फोरेंसिक जांच करने वाले और कराने वाले दोनों को मालूम होगा। जिसने जांच करवाई है, उसे मालूम होगा कि जांच सही हुई है। इसके अलावा जिस सीए ने जांच की है, उसे भी मालूम होगा कि उसने नियमों के तहत जांच की है, इसलिए उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती।
मनु अग्रवाल, डिजिटल अकाउं¨टग एंड एश्योरेंस बोर्ड के चेयरमैन