कानपुर (ब्यूरो) साइबर अपराध के लंबित मामलों का जल्द निस्तारण कराने का निर्देश भी दिया है। शासन स्तर पर इसे लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है। साइबर क्राइम के लगातार बढ़ते मामले कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन रहे हैं। इस क्राइम से निपटने के लिए सरकार ने लखनऊ व नोएडा में स्थापित साइबर थानों के अलावा 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों में साइबर थानों की स्थापना कराई है। साइबर थानों को हाईटेक उपकरणों से भी लैस किया जा रहा है।
समिति करेगी साइबर थानों में तैनाती
डीजीपी डा.डीएस चौहान ने साइबर थानों में विशेषज्ञ पुलिसकर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया है। शासनादेश के मुताबिक अब साइबर थानों में निरीक्षक से लेकर सिपाही तक की तैनाती के डीजीपी मुख्यालय स्तर पर गठित समिति उनका चयन करेगी। एडीजी साइबर क्राइम की अध्यक्षता में गठित समिति में डीआईजी/एसपी और एएसपी/डीएसपी को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। साइबर थाने में गड़बड़ी करने वाले किसी पुलिसकर्मी की दोबारा साइबर थाने में तैनाती भी नहीं हो सकेगी।
साइबर क्राइम पर अंकुश के लिए ये प्रयास
- डाटा सिक्योरिटी के लिए आईआईटी कानपुर से भी मदद लिए जाने की तैयारी है
- साइबर सुरक्षा को स्कूल के पाठ्यक्रम में भी शामिल कराया जाएगा
- राज्य स्तर पर साइबर समन्वय टीम का भी गठन होगा
- लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल का व्यापक प्रचार-प्रसार कराए जाने का भी निर्देश दिया गया है
- इंटरनेट मीडिया पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी, रेप व ऐसे अन्य आपत्तिजनक तथ्यों से जुड़ी सामग्री को ब्लॉक कराने के निर्देश भी दिए गए हैं
इस योग्यता पर होगी साइबर थानों में तैनाती
- साइबर क्राइम के बारे में विशेष जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मियों को चयनित किए जाएंगे
- न्यूनतम तीन साल की सेवा पूरी कर चुके पुलिसकर्मियों का ही चयन किया जाएगा।
- ये भी देखा जाएगा कि इस अवधि के दौरान उन्हें कोई विभागीय दंड न मिला हो।
- साइबर क्राइम संबंधी कोर्स कर चुके पुलिसकर्मियों को चयन में वरीयता दी जाएगी।
- साइबर थानों में पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए अब एक समिति गठित की गई है।
यूपी में ये है साइबर जानकारों की स्थिति
कुल जिले - 75
साइबर निरीक्षक-91
साइबर उपनिरीक्षक- 93
मुख्य आरक्षी साइबर - 58
आरक्षी साइबर - 176
कानपुर में ये है साइबर क्राइम के आंकड़े
कुल मामले : 432
हल किए गए: 105
कुल ठगी : 1.15 करोड़
बरामदगी : 55 लाख रुपये
साइबर ठगी से बचाव के लिए क्या करें
- बेसिक जानकारी को फॉलो करना चाहिए।
- कभी भी किसी अनजान कॉल पर रिस्पांस न दें।
- किसी अनजान कॉल पर रिस्पांस किया और वह आपसे किसी तरह के अप्लीकेशन को आपके फोन में इंस्टाल करने के लिए कहता है तो उसे इंस्टाल बिल्कुल न करें।
- अपने अकाउंट का पासवर्ड स्ट्रांग रखें।
- मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
- अपनी पर्सनल आइडेंटिफिकेशन डिटेल्स जैसे डेबिट या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स किसी अनजान को न दें
- अगर आप अपनी पर्सनल आइडेंटिफिकेशन डिटेल्स शेयर कर रहे है जैसे पासपोर्ट बनवाना हो या किसी अन्य काम के लिए दे रहे है तो ये सिक्योर करें कि आप जिस काम के लिए अपने डिटेल्स दे रहे है उसके अलावा उन डिटेल्स को आगे इस्तेमाल नहीं किया जा सके।
- ऑनलाइन पेमेंट के दौरान किसी भी पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल न करें
- अपने पर्सनल और ऑफिसियल डिवाइस को अलग-अलग रखें। यानि पेमेंट के लिए आप अपने पर्सनल डिवाइस का इस्तेमाल करें