- मजदूरों की जान दांव पर लगाकर हो रहा करोड़ों का कारोबार, न फायर फाइटिंग सिस्टम और न कहीं आग बुझाने के साधन
- पड़ोस में पुलिस चौकी, रोज हो रहा धड़ल्ले से कारोबार, स्क्रैप गोदाम के अंदर और आस पास फैला पड़ा है ज्वलनशील पदार्थ
kanpur : कोयला नगर का स्क्रैप मार्केट यहां के रहने वालों के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। यहां ज्वलनशील पदार्थ से लेकर हर तरह का प्लास्टिक व अन्य सामान कबाड़ के रूप में गोदामों में भरा पड़ा है। दो दिन पहले इस मार्केट के एक गोदाम में लगी भीषण आग के बाद यहां के निवासी भय के साए में जी रहे हैं। उन्हें डर है कि किसी दिन इस तरह की फिर लगी तो उनके परिवार की भी जिंदगी दांव पर लग सकती है। इस स्क्रैप मार्केट में क्या हालात है और वहां के निवासी किस डर में है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने जब मौके पर जाकर रियलिटी चेक किया तो हालात वाकई बेहद भयभीत कर देने वाले दिखे। पढि़ए ये रिपोर्ट
बड़ी स्क्रैप माकेर्ट बन गई
चकेरी थाने से करीब दो किलोमीटर दूर बसा कोयला नगर मोहल्ला पूरी तरह से रेजीडेंशियल है। 15 साल पहले यहां प्लाटिंग हुई और कई प्लाट कॉमर्शियल कर दिए गए। यहां देखते ही देखते यहां बड़ी स्क्रैप मार्केट बन गई। एक, दो, दस, बीस नहीं बल्कि यहां पचास से अधिक बड़े गोदाम और करीब दो हजार दुकाने हो गई। जहां कांच, लोहा, लकड़ी, प्लास्टिक का कबाड़ इकट्ठा होने लगा। इस बाजार ने कई लोगों को रोजगार दिया। कबाड़ छंटाई के लिए महिलाएं, लोहा कटिंग के लिए पुरुष और माल लोड अनलोड करने के लिए लेबर, माल ढोने के लिए ट्रक, लोडर और आस पास खाने पीने के होटलों के साथ वजन तौलने के धर्मकांटे भी लग गए।
किसी के पास नहीं है एनओसी
इस स्क्रैप मार्केट की करीब 2000 दुकान और 50 गोदामों में कई तरह ज्वलनशील पदार्थ तो स्टोर करके रखे गए है। इसके बावजूद यहां किसी के पास भी फायर विभाग की एनओसी मौजूद नहीं है। यहां तक कि फायर फाइटिंग सिस्टम भी नहीं है। इन दुकानों और गोदामों में काम करने वाले हजारों की संख्या में लेबर की जान दांव पर लगा कर काम कर रहे हैं। इन गोदामों का एक हिस्सा मकानों से जुड़ा है। जिनमें परिवार रहते हैं। छोटी गलियों के अंदर बड़े बड़े गोदाम, जहां आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड की गाडि़यों का आना भी बहुत मुश्किल होगा।
मेन रोड से जुड़ा है पूरा बाजार
स्क्रैप मार्केट रोड के दोनों तरफ है। सबसे खतरनाक बात ये है कि गोदाम और दुकानें आपस में जुड़े हुए हैं। इसके बाद भी आग बुझाने के कोई इंतजाम यहां नहीं किए गए हैं। गोदाम में घुसने और निकलने का एक ही रास्ता है। अगर कहीं आग लग जाए तो गोदाम तंदूर बन जाए और लोगों की जान पर बन आएगी। लेकिन इससे न तो जिला प्रशासन को कोई मतलब है और न ही बाजार के गोदाम और दुकान मालिक को।
स्थान: कोयला नगर
समय : 03:40
स्क्रैपगोदाम : 01
रिपोर्टर : यहां का मालिक कौन है?
कर्मचारी : पवन अग्रवाल।
रिपोर्टर : जरा उनसे मिलवा दीजिए।
कर्मचारी: एक शीशे के एसी केबिन में ले जाता है।
रिपोर्टर : आप ही यहां के ओनर हैं?
पवन : जी, बताइए।
रिपोर्टर : अभी कुछ दिन पहले आपके पास गोदाम में आग लगी थी?
पवन : जी दो दिन पहले ही लगी थी।
रिपोर्टर : आपने आग बुझाने का कोई प्रबंध किया, दिखाई नहीं दे रहा?
पवन : फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है, लेकिन फायर एक्सटिंगयूसर हैं।
रिपोर्टर : कहां हैं, जरा फोटो करा दीजिए?
पवन : अरे कहीं रखे होंगे।
रिपोर्टर : आपके गोदाम के पास टायर पड़े हैं। अगर कोई हादसा हो गया तो मुश्किल होगी?
पवन : आप भी डांट दीजिए, हम भी कह देंगे।
स्थान : कोयला नगर
समय : 03:55
स्क्रैप गोदाम : 02 (लोडर में स्क्रैप लोड किया जा रहा है)
रिपोर्टर : क्या नाम है आपका ?
कर्मचारी : जफीरुद्दीन
रिपोर्टर: इस गोदाम का मालिक कौन हैं?
कर्मचारी : गुड्डू भाई हैं।
रिपोर्टर : आपके यहां आग बुझाने के साधन हैं?
कर्मचारी : हां सिलेंडर हैं, दो साल पहले खरीदे गए थे, तब से रखे हैं। दो महीने पहले तारीख निकल गई।
रिपोर्टर : अगर आग लग जाए, तब क्या करेंगे?
कर्मचारी : (कुछ देर चुप रहकर) कुछ न कुछ इंतजाम कर लिया जाएगा।
रिपोर्टर : कितने आदमी काम करते हैं गोदाम में ?
कर्मचारी : 20-25 आदमी काम करते हैं। आप हैं कौन?
रिपोर्टर : फायर विभाग की एनओसी है क्या?
कर्मचारी : इसकी कोई जरूरत नहीं पड़ती।
स्थान : कोयला नगर
समय : 04: 10
स्क्रैप गोदाम : 03 (सामान की लोडिंग अनलोडिंग हो रही है)
रिपोर्टर : भाई ये गोदाम किसका है?
कर्मचारी : सलीम भाई का है।
रिपोर्टर : क्या क्या स्टोर किया जाता है?
कर्मचारी : कांच, प्लास्टिक और लोहा लाया जाता है?
रिपोर्टर : फिर इसका क्या करते हैं?
कर्मचारी : छंटाई कराने के बाद दूसरी जगह भेज दिया जाता है।
रिपोर्टर : आग बुझाने के कोई साधन मौजूद हैं क्या?
कर्मचारी : दो दिन पहले दूसरे गोदाम में आग लगी थी, वहीं सिलेंडर भेजे गए थे।
रिपोर्टर : अगर कोई हादसा हो जाए तो?
कर्मचारी : भाई दूसरा गोदाम जहां आग लगी थी वो भी कंपनी का था।
स्क्रैप मार्केट: एक नजर में
गोदाम : 50
दुकानें : 2000
एरिया : दो किलोमीटर
व्यवस्था : 1 पुलिस चौकी
कर्मचारी : लगभग 2000
फायर स्टेशन की दूरी : 5 से 7 किलोमीटर
आग बुझाने के इंतजाम : शून्य
बाजार में लगभग 2000 दुकानें हैं। प्लास्टिक, लकड़ी और कागज के गोदामों को फायर विभाग की एनओसी जरूरी है। जीएसटी, इनकम टैक्स और रेवेन्यू वाले अक्सर आते हैं। किसी दुकान या गोदाम के पास एनओसी नहीं है।
राजेश शुक्ला, महामंत्री, स्क्रैप एसोसिएशन
किसी भी गोदाम या दुकान के लिए फायर विभाग से एनओसी जारी नहीं की गई है। गोदाम मालिकों की लिस्ट बनाकर नोटिस जारी किया जाएगा
सुरेंद्र चौबे, एफएसओ
इन नंबरों पर दें सूचना
कंट्रोल रूम : 101
9454418396