-नोएडा व हरिद्वार में स्कूल की छत गिरने से बच्चों की मौत के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जानी शहर के स्कूलों की हकीकत
-कानपुर के दर्जनों स्कूलों के जर्जर भवन दे रहे 'मौत को दावत', जर्जर भवनों से आए दिन टूट कर गिरते हैं प्लास्टर के टुकड़े
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KANPUR : शिक्षा के हालात सुधारने के लिए टीचर्स की भर्ती से लेकर यूनीफॉर्म, स्टेशनरी और एमडीएम में सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन इसके बाद भी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों का बचपन खतरे में है। बच्चे स्कूल जाते तो है लेकिन हर वक्त उन्हें एक खौफ परेशान करता रहता है। ये खौफ है स्कूल भवन की जर्जर हालत का। तीन दिन पहले ही नोएडा में जर्जर स्कूल की छत गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई जबकि हरिद्वार में परिषदीय प्राथमिक स्कूल का भवन धराशायी हो गया। कानपुर में भी 40 से अधिक ऐसे परिषदीय स्कूल हैं, जहां बच्चों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है। स्कूल भवनों की सच्चाई सामने लाने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कुछ स्कूलों का रियलिटी चेक किया। जिससे साफ हो गया कि 'बचपन' खतरे में है।
1. भगवान भरोसे हाे रही सुरक्षा
- गोविंदनगर स्थित प्राइमरी स्कूल का भवन यूं तो पहली नजर में किसी को भी एकदम ठीक ठाक लग सकता है। लेकिन, जब बारीकी से भवन पर नजर दौड़ाई तो ठीक बच्चों के आवागमन वाले रास्ते पर भवन का छज्जा जर्जर नजर आया। छज्जे पर पड़ी बड़ी दरार किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है।
2. किदवईनगर स्थित किदवई विद्यालय के प्राइमरी और जूनियर सेक्शन की भी हालत कुछ इसी तरह नजर आई। प्राइमरी क्लास के ऊपर का छज्जा जर्जर दिखा, जो किसी भी वक्त गिर सकता था। पूरे स्कूल में दीवारों का प्लास्टर गिरता हुआ दिखा। हालांकि, यहां के कर्मचारियों ने बताया कि भगवान की दया से आज तक यहां कोई हादसा नहीं हुआ।
3. किदवईनगर में ही स्थित प्राइमरी विद्यालय के भवन की स्थिति भी बद्तर नजर आई। स्कूल के निचले हिस्से में रंग रोगन दिखा। लेकिन, ऊपर से झड़ता हुआ प्लास्टर साफ देखा जा सकता था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कई बार प्लास्टर नीचे गिरने से हादसा होने से बचा है।
वर्जन-
जिन स्कूलों में कमियां हैं, उनको चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार कराया जाएगा। भवन से लेकर शिक्षा के स्तर में सुधार शासन की प्राथमिकता में शामिल है। जल्द ही इन भवनों की दशा बदलवाने का प्रयास करुंगा।
- प्रवीणमणि त्रिपाठी, बीएसए
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- 40 से अधिक परिषदीय विद्यालय हैं जर्जर
-1644 प्राथमिक स्कूल हैं कानपुर जिले में
- 827 जूनियर विद्यालय हैं शहर में
- 200500 बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ते हैं