- संजीत के भागने की कोशिश करने पर गला घोंट कर 26 जून की रात को ही कर दी थी हत्या

- शव ठिकाने लगाने के बाद 29 जून को पहली बार फिरौती के लिए परिजनों को किया फोन

KANPUR: संजीत की हत्या करने वाले उसके दोस्तों का इरादा भले ही किडनैपिंग के जरिए पैसा कमाने का हो, लेकिन किडनैप होते ही संजीत की मौत का काउंटडाउन भी शुरू हो गया था। क्योंकि संजीत कुलदीप का दोस्त था और बाकी सबको भी जानता था। इस वजह से फिरौती मिलने के बाद भी सभी को पकड़े जाने का डर था। ऐसे में उसे मारना ही आखिरी रास्ता था। हांलाकि किडनैप करने के लिए तीन दिन तक तो संजीत के परिजनों को फिरौती के लिए फोन नहीं किया।

बर्थडे पार्टी के नाम पर बुलाया था

आरोपी कुलदीप संजीत के साथ 6 महीने पहले तक पैथोलॉजी में काम कर चुका था। उसी ने 22 जून की शाम को संजीत को चार बार फोन किया। शाम 7.47 बजे संजीत नौबस्ता बाईपास स्थित धनवंतरी हॉस्पिटल से अकेले निकला। थोड़ी दूरी पर ज्ञानेंद्र अपनी फोर्ड फिगो कार के साथ मिला। वहां नीलू ने संजीत की मोटरसाइकिल शराब खरीदने के नाम पर ले ली। कार में रामजी, कुलदीप भी थे। उन्होंने कार में ही शराब पी। इसी दौरान एक पैग में संजीत को बेहोशी की दवा मिला कर दे दिया गया। इसके बाद वह कार लेकर बर्रा-6 पहुंचे जहां कुलदीप ने किराए का मकान लिया था। सिम्मी और उसकी एक भाभी प्रीति वहां पहले से ही मौजूद थी। संजीत को वहां एक कमरे में बंद कर दिया गया। सभी लोग दिन और रात में अलग अलग संजीत की निगरानी के लिए रुकते थे।

भागने की कोशिश में मारा

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि 26 जून की रात को होश आने पर संजीत ने भागने का प्रयास किया। हांलाकि वह नाकामयाब रहा। अगले दिन सभी ने पकड़े जाने के डर से तय किया कि संजीत को मार देते हैं। जिसके बाद उसका रस्सी से गला घोंटा गया। इसके बाद हाथ पैर बांध कर प्लास्टिक की बोरी में उसके शव को डाला गया। शव को रात में ही रफाका नाला और पांडु नदी के मिलने वाली जगह पर फेंक दिया गया।

कत्ल के बाद मांगी फिरौती

27 जून की रात को कत्ल के बाद 29 जून को पहली बार किडनैपर्स ने फिरौती के लिए संजीत के पिता चमन को फोन किया। फोन पर 10 मिनट के करीब बातचीत हुई। इस दौरान किडनैपर्स ने 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की और पैसों का जल्द इंतजाम करने को कहा।