- बर्रा में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव किडनैपिंग और हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तार के बाद भी पुलिस के पास नहीं कोई ठोस सबूत

-एक महीने से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ हैं खाली, न तो संजीत की डेडबॉडी मिली न फिरौती वाला बैग और रकम हुई बरामद

KANPUR : बर्रा में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की किडनैपिंग और मर्डर केस का भले ही पुलिस ने खुलासा कर दिया हो, सारे आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए हों लेकिन इसके बावजूद सबूतों के नाम पुलिस के हाथ खाली हैं। ऐसे में किडनैपिंग से लेकर मर्डर की जो कहानी पुलिस ने बताई है उसे कोर्ट में साबित करन पाना और आरोपियों को सजा दिला पाना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल होगा। कुछ साल पहले आई मूवी दृश्यम में भी पुलिस की हालत कुछ ऐसी ही थी जैसी कि अभी बर्रा पुलिस की है। क्योंकि उसे पता तो है कि किसने किडनैप और कत्ल किया, लेकिन आरोप साबित करने के लिए उसके पास कुछ नहीं है। ऐसे में संजीत केस दृश्यम पार्ट टू बनता जा रहा है।

कानून के कई जानकारों ने इस मामले पर अपनी राय रखी और बताया कि अगर यह मामला कोर्ट पहुंचता है तो आरोपी आसानी से छूट जाएंगे। क्योंकि आरोप साबित करने लायक सबूत पुलिस के पास है ही नहीं। वारदात का खुलासा करने के एक महीने बाद भी पुलिस संजीत की डेडबॉडी बरामद नहीं कर पाई है और न वो बैग मिला जिसमें फिरौती की रकम दी गई। रकम का भी कुछ पता नहीं चला। ऐसे में संजीत के परिजन भी लगातार जांच में कोई बड़ी सफलता नहीं मिलने पर सवाल उठा रहे हैं।

पुलिस को लापरवाही का खामियाजा

दरअसल 22 जून को संजीत की किडनैपिंग के बाद शुरू हुई पुलिस की लापरवाही का खामियाजा अब उसे ही भुगतना पड़ रहा है। पूर्व में इस मामले से जुड़े रहे पुलिस अधिकारियों ने संजीत की किडनैपिंग को लेकर संजीदगी दिखाई ही नहीं। 23 जुलाई को जब पुलिस ने संजीत के परिजनों को उसकी हत्या किए जाने की खबर सुनाई। अगले ही दिन पुलिस ने संजीत की किडनैपिंग और मर्डर केस का खुलासा कर दिया। इस आरोप में पुलिस ने संजीत के ही एक दोस्त समेत उसके साथियों और एक महिला को अरेस्ट किया। साथ ही संजीत की किडनैपिंग से लेकर उसकी हत्या किए जाने तक की पूरी कहानी भी बताई, लेकिन आज भी इस कहानी को साबित कर पाने लायक कोई बड़ा सबूत पुलिस के पास नहीं है।

अब भी नहीं सुलझा फिरौती का मामला

आरोपियों को 30 लाख रुपए फिरौती देने वाली बात तो इस प्रकरण के सामने आने के बाद से पुलिस घुमा ही रही है। परिजन शुरुआत से ही 30 लाख रुपए फिरौती देने की बात पर अड़े हुए हैं। वहीं पुलिस की ओर से फिरौती में रुपए देने की बात से इंकार कर रही है। उसके मुताबिक जो बैग किडनैपर्स को दिया गया उसमें असली नोट नहीं थे। इस मामले में नए एसपी साउथ आने के बाद इस मामले में पुलिस की जांच में तेजी आई, और पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल को एक नाले की खुदाई में बरामद करने का दावा किया,लेकिन उस मोबाइल का डाटा आजतक रिकवर नहीं हो सका है। इस पूरे मामले की जांच में अहम कडि़यां आज भी जुड़ नहीं सकी है।

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दृश्यम पार्ट-2 कैसे

- संजीत को साथ लाने ले जाने से जुड़ी आज तक एक भी सीसीटीवी फुटेज बरामद नहीं

- किडनैपिंग के साथ संजीत की हत्या तक आरोपियों को संजीत के साथ देखने वाला कोई चश्मदीद भी नहीं

- सबसे अहम संजीत यादव की डेडबॉडी का भी अभी तक पता नहीं

- जिस घर में संजीत को किडनैप कर रखा और हत्या हुई वहां की फारेंसिक जांच में भी कोई बड़ा क्लू पुलिस के पक्ष में नहीं

- सचल उगलवाने के लिए आरोपियों के नारको टेस्ट की मांग को भी कोर्ट ने कर दिया है खारिज

- परिजनों की ओर से किडनैपर्स को दिए गए रुपयों से भरे बैग का भी कुछ पता नहीं

- फोन पर किडनैपर्स और परिजनों के बीच की बातचीत की रिकार्डिग भी आरोप साबित करने लायक नहीं

- फिरौती में इस्तेमाल हुए फोन की बरामदगी, लेकिन उससे कोई डाटा रिकवर हो सकेगा, यह भी क्लियर नहीं

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टाइम लाइन-

22 जून शाम 7.47 बजे- संजीत का नौबस्ता से अपहरण

23 जून- परिजनों की तहरीर पर बर्रा थाने में गुमशुदगी दर्ज

27 जून- रात को किडनैपर्स ने संजीत की हत्या की

29 जून- पहली बार संजीत के पिता को फिरौती के लिए फोन आया

13 जुलाई- परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में बर्रा बाईपास के पास किडनैपर्स को फिरौती की रकम दी,एसएसपी ने स्वत संज्ञान लिया

14 जुलाई- संजीत की ाोज के लिए क्राइम ब्रांच,सर्विलांस सेल को लगाया गया

16 जुलाई- मामले में लापरवाही के आरोप में बर्रा थाने के एसएचओ रणजीत राय सस्पेंड

23 जुलाई- 4 किडनैपर्स पुलिस के हत्थे चढ़े, देररात संजीत की हत्या किए जाने की पुलिस ने की पुष्टि

24 जुलाई- शासन ने मामला संज्ञान में लिया,एसपी साउथ समेत 10 पुलिस कर्मी सस्पेंड

2 अगस्त- शासन हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करने को तैयार हुआ

1 सितंबर- न अब तक संजीत की डेडबॉडी मिली, न फिरौती का बैग मिला, न ही आरोपियों का नारको टेस्ट कराने की परमिशन मिली

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