- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर की तीनों मशीनों पर क्षमता से अधिक लोड

KANPUR: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद से आरटीपीसीआर की जांच भी बढ़ा दी गई है। एक संक्रमित के पीछे कम से कम 25 लोगों की कांटेक्ट ट्रे¨सग कराई जा रही है। यह जांच सीएमओ ऑफिस की ओर से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हो रही है, जबकि कई निजी अस्पताल भी टे¨स्टग कर रहे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी लैब पर पहले ही सैंपल का बोझ बढ़ा हुआ था, अब फतेहपुर के संभावित संक्रमितों के सैंपल ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

स्टाफ बढ़ाने की मांग

अब तक दो दिन के अंदर मिलने वाली रिपोर्ट चार दिन या उससे अधिक समय के बाद मिल रही हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर रिजल्ट अवेटेड दिखाता रहता है। यह स्थिति तब है, जबकि संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। एक दिन में 1200 से अधिक संक्रमित सामने आ रहे हैं। नोडल अधिकारी प्रो। विकास मिश्रा के मुताबिक विभाग की ओर से शासन को लेटर लिखा गया है। आरटीपीसीआर की मशीनों के साथ ही स्टाफ की मांग की गई है।

लैब के डॉक्टर भी संक्रमित

लैब में कार्यरत दो जूनियर डॉक्टर संक्रमित हो गए हैं। उनको होम क्वारंटाइन किया गया है। एक ऑपरेटर के सहारे रिपोर्ट पोर्टल पर चढ़ाई जा रही है। डॉक्टर और अन्य स्टाफ को कई घंटे काम करना पड़ रहा है।

लगातार डाले जा रहे सैम्पल

माइक्रोबायोलॉजी लैब में आरटीपीसीआर की तीन मशीनें हैं, इन पर लगातार सैंपल डाले जा रहे हैं। मशीनों को कुछ देर के लिए रोकना पड़ता है, जिससे उन्हें गर्म होने से बचाया जा सके। 24 घंटे मशीन चलाए जाने के बाद भी सैंपल के ढेर लगे हुए है।