कानपुर (ब्यूरो)। कर्नलगंज की एपी फैनी जमीन मामले में बुधवार देर रात पुलिस ने सलीम बिरयानी को गिरफ्तार किया। सलीम से एडीसीपी, एसीपी और डीसीपी पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस ने अधिकारिक सूत्रों की माने तो सलीम बिरयानी तो सिर्फ मोहरा है, उसके पीछे किन लोगों का हाथ है, उनकी जानकारी तो मिल गई है लेकिन वेरिफिकेशन के बाद ही उनका नाम सामने लाया जाएगा और तभी उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सलीम का काम इस जमीन के खरीदफरोख्त के अलावा कपड़े का कारोबार भी है।
आठ बैंक अकाउंट सीजसूत्रों के मुताबिक लगभग एक दर्जन लोगों की जानकारी पुलिस को मिली है। इस मामले से जुड़े 8 बैंक अकाउंट सीज किए हैं, जिसमें सलीम के 5 और उनकी पत्नी के तीन अकाउंट हैं। उनके परिवार की जानकारी भी पुलिस कर रही है। पुलिस अधिकारियों की माने तो सलीम के कनेक्शन चेक किए जा रहे हैं। पुलिस पर्दे के पीछे की कहानी जानने की कोशिश कर रही है।
कारखाना बनाने के लिए सौदा
पुलिस पूछताछ में पता चला कि 2018 में सलीम के संपर्क में सुशील जैन आया था। सुशील ने सलीम का संपर्क लखनऊ के चर्च ऑफ इंडिया के ट्रस्टी अनिल कुमार से कराया था। सलीम ने पूछताछ में बताया कि जब उन्होंने अनिल को कारखाना खोलने का प्लान बताया तो अनिल ने एपी फैनी के 6 एकड़ जमीन से 400 वर्ग गर्ज जमीन पर कारखाना बनाने का प्रस्ताव रख दिया। बातचीत और आगे बढ़ी तो 3.5 लाख रुपये में सलीम ने 30 साल के लिए 400 वर्ग गर्ज जमीन की लीज डीड करा दी।
केयर टेकर बन गया
जानकारी में पता चला कि सलीम एक प्लॉट की बिक्री के मामले में गवाह भी बना था। इसी नजूल की जमीन पर शोएब के पिता इरशाद ने भी रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा दिया। ये सारे काम के लिए एक फर्म बनाई गई, जिसका नाम गुलिस्तां रखा गया। 2021-22 में सलीम को केयर टेकर बना दिया गया। इसके बाद से नजूल की ये जमीन खुर्द बुर्द करना शुरू कर दिया गया।
पहले भी दर्ज हुआ था केस
नजूल की जमीन एपी फैनी का विवाद कोई नया नहीं है बल्कि इसमें पहले भी एक केस दर्ज कराया गया था। तत्कालीन एसएसपी/डीआईजी को हाईकोर्ट में पर्सनली एपियर भी होना पड़ा था। इस मामले में एक आईपीएस अधिकारी ने जांच भी की थी। इसके बाद भी पूरे मामले में कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया था, हालांकि इस मामले में कोई भी पुलिस अधिकारी अभी कोई बयान देने के पक्ष में नहीं है।