सैफ़ अल-इस्लाम ने दावा किया है कि सरकार ने विद्रोहियों के आक्रमण की 'कमर तोड़ दी है'। विद्रोहियों ने त्रिपोली में पहुँचने के बाद दावा किया था कि उन्होंने ग़द्दाफ़ी के दोनों बेटों को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है। मगर सैफ़ अल-इस्लाम ग़द्दाफ़ी समर्थकों के क़ब्जे़ वाले एक होटल रिक्सोस के पास मंगलवार तड़के एक सरकारी गाड़ी में नज़र आए।
एक बीबीसी संवाददाता के अनुसार सैफ़ काफ़ी आश्वस्त और उत्साहित नज़र आए। इससे पहले सोमवार को विद्रोहियों को ग़द्दाफ़ी समर्थक सेना से काफ़ी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। दोनों ही पक्ष राजधानी त्रिपोली पर क़ब्ज़ा होने का दावा कर रहे हैं।
दावा
सैफ़ ने होटल के पास निकलने के बाद बीबीसी संवाददाता मैथ्यू प्राइस से कहा, "हमने विद्रोहियों की कमर तोड़ दी है." साथ ही उन्होंने कहा कि विद्रोही त्रिपोली आकर उनके बिछाए जाल में फँस गए हैं। सैफ़ ने कहा, "हमने उन्हें काफ़ी परेशान किया और हम जीत रहे हैं."
सैफ़ अल-इस्लाम ग़द्दाफ़ी को ही उनके पिता की सत्ता का वारिस माना जाता रहा है। रविवार देर रात विद्रोहियों ने दावा किया था कि उन्होंने सैफ़ को गिरफ़्तार कर लिया है।
सैफ़ ने ये भी कहा है कि हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने उन पर मानवता के विरुद्ध अपराध का इल्ज़ाम लगाते हुए जो वॉरंट जारी किया है उसका उन पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता। ये पूछे जाने पर कि क्या कर्नल ग़द्दाफ़ी त्रिपोली में सुरक्षित हैं सैफ़ ने तुरंत कहा, 'निश्चित रूप से'।
वैसे ग़द्दाफ़ी कहाँ हैं इसका अभी तक कोई अता-पता नहीं है। एक कूटनीतिक सूत्र ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया है कि कर्नल ग़द्दाफ़ी अब भी बाब अल-अज़ीज़िया परिसर में हो सकते हैं।
संघर्ष
रविवार को जारी एक प्रसारण में उन्होंने त्रिपोली को विद्रोहियों से बचाने की अपील की थी। सप्ताहांत में राजधानी त्रिपोली में विद्रोही कई दिशाओं से घुस आए थे। उन लोगों का उत्साहित लोगों ने ग्रीन स्क्वॉयर पर स्वागत भी किया था।
इन विद्रोही लड़ाकुओं ने शहर के कई हिस्सों में सुरक्षा चौकियाँ भी बना रखी हैं और उनका कहना है कि और सैनिक नावों के ज़रिए पहुँच रहे हैं। मगर कई इलाक़ों में उन्हें कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है।
ग़द्दाफ़ी समर्थकों ने रिक्सोस होटल के दक्षिण के इलाक़ों पर क़ब्ज़ा बनाए रखा है। वहाँ कई पश्चिमी देशों के पत्रकार भी मौजूद हैं। पश्चिम से आ रहे विद्रोहियों के एक काफ़िले पर ग़द्दाफ़ी समर्थकों ने निशाना लगाया। उसके बाद काफ़िले को शहर से बाहर जाना पड़ा।
सरकारी प्रवक्ता मूसा इब्राहिम ने दावा किया है कि ग़द्दाफ़ी समर्थकों का 75 प्रतिशत शहर पर क़ब्ज़ा है जबकि विद्रोहियों का दावा है कि उनका क़ब्ज़ा 80 फ़ीसदी शहर पर है। बीबीसी संवाददाताओं के अनुसार फ़िलहाल ये तय करना मुश्किल है कि किसके दावे में कितना दम है।
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