कानपुर (ब्यूरो) जाजमऊ निवासी 55 साल के हरीशंकर मंगलवार दोपहर एक बजे स्कूटी से जाजमऊ जा रहे थे। अभी वे एसपी आउटर ऑफिस के पास पहुंचे थे कि पीछे से आ रही ई-बस नंबर यूपी 78 जीटी 3579 ने उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी। जिससे वे उछल कर दूर जा गिरे। चालक बस लेकर भागने लगा तभी बस का अगला पहिया हरीशंकर के सिर के ऊपर से निकल गया, उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्कूटी नंबर के आधार पर मृतक की पहचान की और परिजनों को हादसे की जानकारी दी। मौत की जानकारी मिलने पर परिजनों में कोहराम मच गया.वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक बस चालक नशे में था। जिसकी वजह से हादसा हुआ है। थाना प्रभारी प्रदीप सिंह ने बताया कि ड्राइवर को हिरासत में लेकर उसका मेडिकल कराया गया है, परिजनों की तहरीर के मुताबिक केस दर्ज किया जाएगा।
ई बस से पहले भी हो चुके हैैं हादसे
कानपुर में ई-बस हादसे पहले भी हो चुके हैं। जनवरी के अंत में झकरकटी के पास अनियंत्रित हुई ई-बस से कुचलकर छह लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे ने लोगों को दहला दिया था। एक सप्ताह बाद ही फिर टाटमिल चौराहे के पास रेड लाइट पर अनियंत्रित हुई ई-बस की चपेट में आकर 11 लोग जख्मी हुए थे। लगातार ई-बस से होने वाले हादसों को लेकर जिला प्रशासन ने जांच बिठाई थी, जिसमें बस के अंदर सुरक्षा मानकों में कमी सामने आई थी। ई-बस संचालन ऑपरेटर कंपनी में बदलाव भी किया गया। शहर में छोटे बड़े कई हादसे ई-बस से होने की वारदातें सामने आ चुकी हैैं।
ये सावधानियां बरती गईं थी
- ड्राइवरों को छह दिन की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।
- छह महीने में तीन दिन का रिफ्रेशर कोर्स होता है ड्राइवर का।
- ट्रेनिंग के बाद टेस्ट में पास होने के बाद मिलती है ज्वाइनिंग।
- ड्यूटी इन और आउट के दौरान की जाती है अल्कोहल चेकिंग।
- पांच साल पुराने कॉमर्शियल लाइसेंस देखकर ही की जाती है भर्ती।