- कोरोना के कारण बंद की गई, हफ्ते में तीन दिन या वीकली की गई ट्रेनें फरवरी में हो जाएंगी डेली
- तेजस एक्सप्रेस समेत मुम्बई रूट की कैंसिल चल रही ट्रेनें भी वापस लौटेंगे, पैसेंजर्स को मिलेगी राहत
KANPUR। कोरोना वैक्सीन आने से लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है। ट्रेनों में भी पैसेंजर्स का लोड धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसे में कोरोना काल के कारण बंद या वीकली की गई रुटीन ट्रेनों को ट्रैक पर वापस लाने की कवायद रेलवे ने शुरू कर दी है। फरवरी के फर्स्ट वीक से लास्ट तक ज्यादातर ट्रेनों का डेली कर दिया जाएगा। जिससे दिल्ली-हावड़ा रूट या फिर कानपुर-मुम्बई रूट पैसेंजर को ट्रेनों में आसानी से जगह मुहैया होगी।
इन ट्रेनों के फेरे बढ़ाए गए
02511 राप्ती सागर 21 मार्च तक
02512 राप्ती सागर 22 मार्च तक
05029 गोरखपुर-पुणे 25 मार्च तक
05030 पुणे-गोरखपुर 27 मार्च तक
02595 गोरखपुर-आनंद विहार 30 मार्च तक
02596 आनंद विहार-गोरखपुर 31 मार्च तक
02597 गोरखपुर-मुम्बई 30 मार्च तक
03103 मुम्बई-गोरखपुर 30 मार्च तक
05101 अंत्योदय पूजा स्पेशल 31 मार्च तक
02819 भुवनेश्वर-आनंद विहार 3 फरवरी तक
04131 उद्यमपुर एक्सप्रेस 27 फरवरी तक
फरवरी से ये ट्रेनें चलेंगी डेली
02549-50 कामाख्या एक्सप्रेस
04163-64 संगम एक्सप्रेस
02033-34 रिवर्स शताब्दी
04185-86 बरौनी-ग्वालियर
(अभी वीकली या ऑल्टरनेट चल रहीं)
यह कैंसिल ट्रेनें लौटेंगे ट्रैक पर
- लखनऊ-कानपुर-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस 15 फरवरी से
- प्रतापगढ़-मुम्बई उद्योग नगरी एक्सप्रेस एक फरवरी से
- कानपुर-प्रतापगढ़ इंटरसिटी एक फरवरी से
लाखों पैसेंजर्स को मिलेगी राहत
रेलवे ऑफिसर के मुताबिक बीते दिनों की अपेक्षा अब ट्रेनों में बर्थ रिजर्वेशन की डिमांड बढ़ी है। जिसकी वजह से रेलवे रूटीन ने ट्रेनों को पहले की तरह ही रन कराने की कवायद शुरू कर दी है। मार्च में होली का त्योहार है। ऐसे में पैसेंजर्स एक महीने पहले से अपना रिजर्वेशन करा सकें। रूटीन ट्रेनों का संचालन करने से लाखों पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी।
कानपुर सेंट्रल पर ऐसे बढ़े पैसेंजर्स
अक्टूबर 2020 में 16 हजार
नवंबर 2020 में 23 से 25 हजार
दिसंबर 2020 में 17 से 19 हजार
जनवरी 2021 में 23 से 25 हजार पैसेंजर
(नोट-पैसेंजर्स की संख्या कानपुर सेंट्रल पर डेली)
कोट
पैसेंजर की डिमांड को देखते हुए रूटीन ट्रेनों को धीरे-धीरे वापस ट्रैक पर लाया जा रहा है। फरवरी से मार्च तक सभी ट्रेनें वापस आ जाएंगी। जिससे पैसेंजर्स को रिलीफ मिल जाएगी।
अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर