कानपुर ब्यूरो। अगर आपका भी रोडवेज बस में अक्सर सफर करते हंै तो यह खबर आपको डराएगी भी और अलर्ट भी करेगी। क्योंकि जिस बस में आप सफर करते हैं उसकी स्टेयरिंग जिस ड्राइवर ने थाम रखी है उसे आपकी और बस में बैठे पैसेंजर्स की जान की कोई परवाह नहीं है। कई ड्राइवर ऐसे हैं जो शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। स्टेयरिंग संभालने से पहले डिपो में इनका एल्कोहल टेस्ट भी नहीं किया जाता है। चौकाने वाली बात तो ये है कि झकरकटी अंतर्राज्यीय बस अड्डे में सालो से अल्कोहल टेस्ट करने वाली मशीन ही नहीं है.जबकि रोजाना यहां एक हजार बसों और करीब 10 हजार पैसेंजर्स का आना जाना है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सैटरडे को झकरकटी सहित दो बस अड्डों पर अल्कोहल टेस्ट की हकीकत परखी। हालात बेहद चौकाने वाले हैं। इसलिए आगे से रोडवेज बस में बैठें तो ड्राइवर पर नजर जरूर रखें। क्योंकि ये आपकी सुरक्षा का सवाल है।


सीन 1 जगह: रावतपुर बस स्टेशन
रावतपुर बस स्टेशन पर विकास नगर डिपो की कन्नौज जाने वाली बस खड़ी थी। ड्राइवर अपनी सीट पर बैठा था। वहीं कंडक्टर आवाज लगाकर पैसेंजर बैठा रहा था। ड्राइवर से अल्कोहल टेस्ट के बारे में पूछा तो उसने बताया कि कभी-कभी टेस्ट डिपो में होता है। जिसके बाद डिपो के इंचार्ज रूम में जाकर रिपोर्टर ने बात की तो नाम न छापने का भरोसा दिलाने पर एक कर्मचारी ने बताया कि यहां पर ऐसी कोई मशीन ही नहीं है। जिससे ड्राइवर का अल्होकल टेस्ट किया जाए। ये हालात वहां के हंै जहां से डेली यूपी के हरदोई, कन्नौज, फर्रुखाबाद समेत अन्य सिटी के लिए डेली दो दर्जन के लगभग बसों का संचालन होता है। जिसमें डेली पांच हजार से अधिक पैसेंजर्स सफर करते हैं। 15 सौ स्क्वायर फिट के एरिया में कई स्थानों में देशी शराब के दर्जनों पाउच पड़े मिले। जाहिर सी बात है परिसर के अंदर इन पाउच और गिलास का मिलना बता रहा है कि रोडवेज हजारों पैसेंजर्स की जान खतरे में डाल रहा है।


सीन 2 जगह- झकरकटी अंतर्राज्यीय बस अड्डा
ड्राइवर्स के अल्कोहल टेस्ट की हकीकत जानने हम झकरकटी अंतर्राज्यीय बस अड््डा पहुंचे। यहां तो हाल और भी खराब मिले। बस अड्डे के एआरएम ऑफिस के पास बने स्टाफ रूम में कर्मचारी हीटर में ताप रहे थे। यहां हमने अल्कोहल टेस्ट के बारे में पूछा तो वो हड़बड़ा गए। फिर संभलते हुए एक कर्मचारी ने बताया कि यहां तो सालों पहले एक ब्रेथ एनलाइजर था जिससे ड्राइवर्स का अल्कोहल चेक किया जाता था। मशीन के खराब होने के बाद वह मेंटीनेंस के लिए विकास नगर स्थित आरएम ऑफिस भेजी गई थी। जहां से वह आज तक वापस ही नहीं आई। फिलहाल यहां अल्कोहल चेक करने की कोई व्यवस्था नहीं है। ड्राइवर सीधे बस लेकर चले जाते हैं। वहीं जब हम वहां से बाहर निकले ता बस ड्राइवर के रेस्ट एरिया में भी देशी शराब मस्ती के कई खाली पाउच और लिासपड़े मिले। कई गिलास और पाउच तो ताजे थे। ये तस्वीर सारी हकीकत बयां कर रही थी।

क्या कहता है नियम
रेलवे की तरह रोडवेज बस ड्राइवर्स पर भी एल्कोहल टेस्ट का नियम लागू होता है। रूट पर बस ले जाने से पहले डिपो में ही ड्राइवर की अल्कोहल की जांच ब्रेथ एनलाइजर से की जाती है। इसके अलावा रूट में रोडवेज के टीआई भी अल्कोहल चेक करते हैं। वहीं गंतव्य में पहुंचने पर निर्धारित डिपो व स्टेशन पर भी ड्राइवर्स का अल्कोहल चेक करने का नियम है। यह नियम इस वजह से बनाया गया है कि ड्राइवर के ऊपर बस में बैठे सभी पैसेंजर्स को सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उसका पूरी तरह से होश में रहना जरूरी है। कोई ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी न चलाए और पैसेंजर्स की जान जोखिम में न डाले, इसीलिए एल्कोहल टेस्ट किया जाता है। लेकिन यह नियम सिर्फ कागजों पर चल रहा है।

बीते दिनों हुए बस एक्सीडेंट
- 29 दिसंबर को बिधनू में रोडवेज की तेज रफ्तार बस की डंफर से हुई थी टक्कर
- 28 नवंबर को उरई जा रही बस का एक्सीडेंट पैसेंजर्स के बीच में लोहे की रॉड घुस गई थी
- 13 दिसंबर को विकास नगर डिपो की बस ने यशोदा नगर हाइवे पर एक दर्जन लोगों को टक्कर मारी
- 03 दिसंबर को चकेरी में चुंगी के पास एक रोडवेज बस अनियंत्रित होकर घर में घुस गई थी
- 6 महीने पूर्व चकेरी हाइवे में अनियंत्रित रोडवेज बस ने पीआरवी में टक्कर मार दी थी

आंकड़े
- 25 हजार पैसेंजर्स का डेली झकरकटी बस अड्डे में आवागमन
- 900 से ज्यादा बसों का आईएसबीटी में डेली आवागमन
- 500 से अधिक बसें झकरकटी से डेली यूपी के विभिन्न रूटों में जाती
- 25-30 बसें डेली रावतपुर बस स्टेशन से निकलती हैं रूटों पर
- 1000 हजार पैसेंजर्स का रावतपुर बस स्टेशन से डेली आवागमन
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