कानपुर (ब्यूरो) भीषण गर्मी में एसी, कूलर और पंखे के बाजार गुलजार रहते थे, लेकिन बीते शुक्रवार को हुए विवाद के बाद बाजार ठंडा हो गया है। दुकानों के बाहर बड़ी संख्या में कूलर रखे हुए हैैं, लेकिन इन्हें खरीदने वाला कोई नहीं है। लोग इस बाजार में शहर के दूसरे कोनों से सामान खरीदने आते हैैं। आम दिनों में यहां भीड़ दिखाई देती है, लेकिन बीते एक सप्ताह से अघोषित कफ्र्यू जैसा हो गया है। दुकानों में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग दहशत की वजह से बाजार नहीं जा रहे हैैं। पूरे दिन हूटर की आवाजें सड़क पर सुनाई देती हैैं।

ये है दुकानदारों का दर्द

- परेड में डॉयग्नॉस्टिक सेंटर संचालक सुशील सिंह ने बताया कि उनका सैैंपल कलेक्शन का काम है। प्रतिमाह दुकान का खर्च लगभग 40 से 45 हजार रुपये है। आम दिनों में 70 हजार रुपये प्रतिमाह की आय होती है। चूंकि सारे कस्टमर्स मुस्लिम हैैं, लिहाजा इन दिनों न तो कोई सैैंपल देने आता है और न ही सैैंपल कलेक्शन के लिए बुलाया जाता है। सुबह से शाम तक बैठे रहते हैैं।

- नौबस्ता निवासी ईश नारायण तिवारी ने बताया कि पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहता है। लोगों का आना जाना बंद है। भीषण गर्मी मेें पूरे दिन बैठे रहते हैैं इसके बाद भी ग्राहक नहीं आते हैैं। घर वाले भी लगातार फोन कर हाल खबर लिया करते हैैं। बस यही भगवान से मना रहे हैैं कि किसी तरह से माहौल सामान्य हो जाए और लोग मिल जुल कर रहने लगें। जिससे बाजार का माहौल नॉर्मल हो।

- लाटूश रोड निवासी अमित साहू ने बताया कि उनकी बंशी लाला के नाम से किराने की दुकान है। दुकान के ज्यादातर ग्राहक मुस्लिम हैैं। बीते शुक्रवार को विवाद हुआ, पथराव हुआ, गोली बम चले। इसके बाद से सड़क पर सन्नाटा हो गया। हर तरफ पुलिस ही पुलिस दिखाई दे रही है। दुकान का एक दिन का काउंटर 40 से 50 हजार का था। 25 फीसद भी दुकानदारी नहीं हो रही है।