- टाटमिल से जरीब चौकी तक बनाया गया है सिटी का पहला ट्रैफिक कॉरीडोर, जाम से निजाता दिलाना इसका है मकसद
- झकरकटी बस अड्डे के बाहर का जाम खत्म, अफीमकोठी, जरीब चौकी में राहत, टाटमिल में फंसा रहा ट्रैफिक
KANPUR। सिटी में ट्रैफिक स्मूथ चले इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। कुल आठ ट्रैफिक कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। सैटरडे से सिटी के पहले ट्रैफिक कारिडोर टाटमिल से जरीब चौकी चौराहा की शुरुआत की गई थी। मंडे को इस ट्रैफिक कॉरीडोर में ट्रैफिक अस्त व्यस्त दिखा। झकरकटी बस अड्डे के बाहर लगने वाले भीषण जाम से तो कानपुराइट्स को लगभग निजात मिल गई लेकिन टाटमिल चौराहे पर पूरा दिन वाहनों की लंबी कतारें लगी रही। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। टाटमिल चौराहा के चारों ओर वाहनों की लंबी कतार लगे होने का सिलसिला रुक-रुक कर सुबह 9 से रात 10 बजे तक चलता रहा।
व्यवस्था में और बदलाव होंगे
ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक फ्राइडे से टाटमिल से जरीब चौकी तक ट्रैफिक कॉरीडोर सिस्टम लागू किया गया था। मंडे को सिटी में अधिक ट्रैफिक होता है। सिस्टम लागू होने के बाद यह पहला मंडे था। मंडे को ट्रैफिक अधिक होता है। इसलिए समस्याएं देखी गई और पब्लिक से फीडबैक भी मिला। उनको ध्यान में रखते हुए एक दो दिनों में कुछ और बदलाव किए जाएंगे। जिससे चौराहे पर भी जाम की समस्या खत्म हो जाए।
टाटमिल पहुंचे डीसीपी ट्रैफिक
टाटमिल चौराहा के चारों ओर एक-एक किमी तक वाहनों की कतार लगने से लोगों को भयंकर जाम का सामना करना पड़ा। इस समस्या को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से आई कई शिकायतों के बाद शाम को डीसीपी ट्रैफिक एमएमजीटीएस मूर्ती खुद टाटमिल चौराहा पहुंच गए। जहां उन्होंने स्टाफ के साथ चौराहे पर लगने वाले जाम का मुख्य कारण जाना और इसको नियंत्रण करने को लेकर स्टाफ का मार्गदर्शन भी किया।
ये होंगे ट्रैफिक कॉरिडोर
- टाटमिल से जरीब चौकी
- रॉकेट तिराहे से मेघदूत तिराहा
- सरसैया घाट से मर्चेट चेंबर चौराहा
- नौबस्ता चौराहे से बंबा तक
- गोविद नगर के दोनों पुल
- सीटीआई चौराहे से दादानगर पुल
- घंटाघर से कोपरगंज चौराहा
- बगिया क्रॉसिंग से आईआईटी और हैलट अस्पताल से शारदानगर क्रॉसिंग तक की सड़क शामिल है