- आईपीएस अनंत देव समेत तीन पीपीएस अफसरों पर लगे आरोपों के साक्ष्य रिपोर्ट में शामिल
- एडीजी और आईजी ने इन सभी के कार्यकाल की जांच रिपोर्ट की तैयार, जल्द होगी कार्रवाई
kanpur : बिकरू कांड में फंसे राजपत्रित पुलिस अफसरों के खिलाफ शासन को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। जांच रिपोर्ट में कानपुर में उनके कार्यकाल का ब्योरा, विकास दुबे और जय बाजपेई के साथ उनकी सांठगाठ और लापरवाही उजागर हुई है। इसी आधार पर शासन जल्द इन अफसरों पर विभागीय कार्रवाई करेगा। आईपीएस अनंत देव समेत तीन पीपीएस अफसर इसमें शामिल है। जांच रिपोर्ट एडीजी और आईजी ने तैयार की है।
तीन पीपीएस अफसर दोषी
बिकरू कांड में कानपुर के पूर्व एसएसपी आईपीएस अनंत देव सस्पेंड किए जा चुके हैं। विभागीय जांच जारी है। एसआईटी की जांच में तीन पीपीएस अधिकारी भी दोषी पाए गए। जिसमें तत्कालीन एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह, डीएसपी आरके चतुर्वेदी और वर्तमान सीओ एलआईयू सूक्ष्म प्रकाश का नाम शामिल है। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों के कार्यकाल की जांच एडीजी और आईजी ने की। एडीजी जय नारायन सिंह ने बताया कि चारों अफसरों की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब शासन रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा।
अफसरों पर निलंबन की तलवार
दहशतगर्द विकास दुबे और जयकांत बाजपेई को संरक्षण देने और उनके साथ सांठगाठ करने का आरोप जांच में सही पाया गया है। विकास दुबे को टॉप टेन में न शामिल करना। विकास की जमानत खारिज कराने की प्रक्रिया न करना। एफआईआर से धारा हटाना। जय बाजपेई का आपराधिक इतिहास होने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट बन जाना। उसके खिलाफ कार्रवाई न कर आईपीएस केसी गोस्वामी की रिपोर्ट को नजरअंदाज करने समेत कई अन्य आरोप सही पाए गए हैं। इसी के आधार पर इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
विजिलेंस की भी हो सकती है जांच
बिकरू कांड में ईडी की जांच चल रही है। डेढ़ सौ करोड़ की संपत्ति उजागर हुई है। इसमें विकास दुबे, जय बाजपेई समेत उनके करीबी व रिश्तेदारों की संपत्ति शामिल है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इसमें पुलिस व प्रशासन के अफसर भी जद में आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पूर्व एसएसपी समेत तीन अफसरों पर ईडी व विजिलेंस की रडार पर हैं। कुछ प्राथमिक साक्ष्य मिले हैं। पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद जांच शुरू हो सकती है।