आम तौर पर उज़्बेकिस्तान में भी प्रेमी जोड़े वैलेनटाइन्स डे को पाश्चात्य संगीत पर नाच-झूमकर मनाते है। इस दिन के लिए लोग जोरशोर से तैयारियां भी करते है।
लेकिन उज़्बेकिस्तान में लोग इस बार कुछ अनोखा करने की योजना बना रहे है, वो सारी अन्य योजनाओं को रोककर इस दिन को मुग़ल बादशाह बाबर की याद में मनाएंगे।
ग़ौरतलब है कि 14 फरवरी को बाबर के जन्मदिवस के रुप में जाना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार मूल रूप से तुर्की-मंगोल के मुग़ल शासक बाबर एशिया पर अपना दायरा बढ़ाते हुए कविताएं भी लिखते थे। उज़्बेकिस्तान के लोग उन्हे अपना पूर्वज मानते हैं।
विवाद
राजधानी ताश्कंद के एक नागरिक ने बीबीसी के ‘द फ़िफ्त फ्लोर’ कार्यक्रम में कहा, “ये एक शानदार निर्णय है, बाबर हमारे पूर्वज हैं और वैसे भी वैलेनटाइन्स डे हमारी सोच और संस्कृति से मेल नहीं खाती है। क्या लोग एक दूसरे को पूरे साल प्यार नहीं कर सकते हैं?” हालांकि 14 फरवरी को बाबर के जन्मदिवस के रुप में मनाए जाने के लेकर मतभेद भी पैदा हो गए हैं।
उज़्बेकिस्तान के एक चर्चित ब्लॉगर कहते है, “हमें राष्ट्रवादी रवैया नहीं अपनाना चाहिए, वैलेनटाइन्स डे भी हम मनाते है। 14 फरवरी को सिर्फ़ बाबर का जन्मदिन मनाने की योजना से अलगाववादी सोच को बढ़ावा मिलेगा। इस बात पर तो हंसी आती है कि इतने सालों बाद अचानक किसी को बाबर की याद आ गई.”
उज़्बेकिस्तान के बीबीसी संवाददाता का कहना है कि देश में राष्ट्रवाद के मुद्दे पर वाद-विवाद तो होते रहे है, लेकिन इसे किसी ने समझाया नहीं।
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