-बेड के इंतजार में अस्पताल के बाद दो घंटे तक उपर नीचे होती रहीं इंजीनियर बृजेश की सांसें

KANPUR: प्रशासन और सरकार के तमाम दावों के बावजूद कोरोना संक्रमित इलाज ने मिलने से दम तोड़ रहे हैं। ट्यूजडे को एसीएमओ का लेटर होने के बाद भी कोरोना पीडि़त इंजीनियर ने अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ दिया। जबकि चीफ मिनिस्टर के स्पष्ट आदेश हैं कि मरीज को अस्पताल वापस नहीं करेंगे। बेड न होने पर उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा लेकिन सरकार के इस आदेश का पालन भी होता नहीं दिख रहा है।

अस्पताल पहुंचकर भी इलाज नहीं

कृष्णा नगर निवासी पेशे से इंजीनियर ब्रजेश कुमार सिंह तीन दिन पहले संक्रमित हुए थे। मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ी तो परिवारवालों ने कोविड कमांड सेंटर में फोन किया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी से रेफरल लेटर लिया और एंबुलेंस में लेकर जीटी रोड स्थित अस्पताल पहुंचे। एसीएमओ का लेटर दिखाने के बाद भी उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट नहीं किया गया। इस दौरान करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक एंबुलेंस में ही उनकी सांसें ऊपर नीचे होती रहीं। आखिरकार ब्रजेश दम तोड़ दिया। इससे पहले भी शहर के अस्पतालों की चौखट पर कई मौतें हो चुकी हैं। अस्पताल तक पहुंच कर भी इलाज न मिलने की ऐसी सभी घटनाएं सिस्टम पर सवाल खड़ा करती हैं और सरकार के दावों की हकीकत भी बयां करती हैं।