कानपुर (ब्यूरो)। दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ प्रॉपर्टी टैक्स वसूलकर वाहवाही बटोरने वाल नगर निगम जनवरी में टारगेट वसूली से मीलों पीछे रह गया। लगभग 10 करोड़ के मंथली टारगेट की तुलना में महज 94 लाख ही नगर निगम के खाते में आए यानि टारगेट का महज 5 फीसदी। वसूली का ग्राफ नीचे गिरते ही ठंड के मौसम में नगर निगम के अफसरों के माथे पर पसीना नजर आने लगा है। शहर में मिलने वाले प्रापर्टी टैक्स से ही विकास की गाड़ी चलती है। अगर प्रापर्टी टैक्स की वसूली कम हो जाएगी तो शहर के विकास पर भी ब्रेक लगा जाएगा। इसलिए नगर आयुक्त ने सभी जोन के जोनल अधिकारी, टैक्स इंचार्ज व टैक्स इंस्पेक्टर को नोटिस देते हुए कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए है।
इसलिए बन गया था रिकॉर्ड
नगर निगम ने दिसंबर मंथ में प्रापर्टी टैक्स वसूलने में रिकार्ड बनाया था। दिसंबर के लास्ट वीक में हर दिन करीब एक से डेढ़ करोड़ की वसूली की थी। नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स पर 31 दिसंबर तक 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान रखा था। इसका फायदा उठाने के लिए लोगों ने जमकर प्रापर्टी टैक्स जमा किया और छूट का फायदा उठाया। हालांकि फाइनेंशियल ईयर मार्च तक रहेगा। प्रापर्टी टैक्स जमा करने के लिए तीन मंथ का और टाइम है। नगर निगम के अफसरों की उम्मीद है कि इस बार शासन से करीब 400 करोड़ का टारगेट दिया गया है।
दिसंबर तक 215 करोड़ तक ही अचीव कर पाए
नगर निगम हर साल 4 लाख 42 हजार प्रॉपर्टीज से टैक्स वसूलता है। जिसमें 55 हजार कॉमर्शियल प्रॉपर्टी भी शामिल है। दिसंबर तक नगर निगम 215 करोड़ ही टैक्स वसूल कर पाया है। टारगेट करीब 400 करोड़ का है जबकि अब नगर निगम के पास केवल दो महीने ही बचे हैै। जनवरी में मंथली टारगेट 1883 लाख के करीब था जबकि 94 लाख ही अचीव कर सका। आने वाले दो महीने में बैगलॉग के साथ-साथ टारगेट अचीव करने का प्रेशर भी डबल हो जाएगा।
इनकम से ही डेवलपमेंट का भरोसा
प्रापर्टी टैक्स की वसूली से ही शहर के बहुत से विकास के काम होते है। पिछले साल टारगेट से ज्यादा वसूली करने पर शासन ने भी नगर निगम को सौ करोड़ के विकास का गिफ्ट भी दिया था। जिससे सीएम ग्रिड से शहर की पांच प्रमख रोड को हाईवे की तर्ज पर बनाने के प्लान पर भी मोहर लग गई है। अगर प्रापर्टी टैक्स का टारगेट पूरा होता है तो इस सर्विसेज को और भी बेहतर किया जा सकता है।