कानपुर (ब्यूरो)। जहां एक ओर सरकार मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है वहीं इनकी खपत भी बढ़े इसके लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मोटे अनाज के व्यंजनों को बढ़ावा देने की तैयारी की है। इसके लिए प्राधिकरण की तरफ से जिन भोजनालय को ईट राइट कैंपस का प्रमाणपत्र मिला हुआ है, वहां अगले चार सप्ताह तक मोटे अनाज से बने व्यंजनों को अनिवार्य रूप से परोसने के लिए कहा गया है, ताकि लोग इसके स्वाद के प्रति जागरूक हों। सिटी में ऐसी कैंटीन की संख्या 12 है।
12 कैंटीन के पास सर्टिफिकेट
सिटी में 12 कैंटीन को एफएसएसएआई का ईट राइट कैंपस सर्टिफिकेट मिला हुआ है। इनमें आईआईटी, डफरिन हॉस्पिटल , घाटमपुर पावर प्लांट, हैलट हॉस्पिटल के अलावा कई प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज और प्राइवेट हॉस्पिटल शामिल हैं। किसान मोटा अनाज उपजाएं और उसकी खपत भी होती रहे, ताकि उन्हें अपने उत्पादन को बेचने के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए एफएसएसएआई ने एक महीने की एक योजना तैयार की है। इसके लिए उसने देश में अपने सभी ईट राइट कैंपस में अगले चार सप्ताह मोटा अनाज के व्यंजन को परोसने के लिए कहा है।
करीब 50 रेसिपी
ईट राइट कैंपस वे भोजनालय हैं जिन्हें स्वच्छता और शुद्धता के चलते एफएसएसएआई ने सर्टिफिकेट दिया हुआ है। इसके लिए कानपुर में सहायक आयुक्त खाद्य के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए सभी 12 भोजनालयों को पत्र भेजकर जानकारी दी जा चुकी है। साथ ही उन्हें मोटे अनाज के व्यंजन बनाने की विधि से जुड़ी जानकारियां भी भेजी गई हैं। इसमें करीब 50 रेसिपी हैं।
ईट राइट कैंपस में एक माह तक मोटा अनाज के व्यंजन बनाने के लिए कहा गया है। इन्हें अगर परंपरागत से हटकर कुछ नए अंदाज में बनाया जाए तो युवाओं को उसकी ओर आकर्षित किया जा सकता है।
- विजय प्रताप सह, सहायक आयुक्त खाद्य.