कानपुर (ब्यूरो)। बोर्ड एग्जाम्स के करीब आते ही स्टूडेंट्स में स्टडी रिलेटेड प्राब्लम स्टार्ट हो गई हैैं। किसी को का पढ़ाई में मन नहीं लगता तो कोई याद किया भूल जाता है। कोई पढ़ाई तो करना चाहता है लेकिन कंसंट्रेट नहीं कर पा रहा है। कुुछ इसी तरह की प्राब्लम्स स्टूडेंट्स मेें आ रही हैैं। वह अपनी प्राब्लम्स का सॉल्यूशन खोजने के लिए चुन्नीगंज स्थित मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र में आ रहे हैैं। दिसंबर से लेकर जनवरी तक 20 से ज्यादा स्टूडेंट्स अपनी काउंसिलिंग कराने आ चुके हैैं। काउंसिलिंग कराने आने वालों में सीबीएसई, सीआईएससीई और यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स हैैं। यहां पर मंडलीय मनोवैज्ञानिक डॉ। नरेश चंद्र गंगवार और मनोवैज्ञानिक संध्या शुक्ला द्वारा इनकी काउंसिलिंग करके साल्यूशन दिया जा रहा है। यहां पर कोई भी वर्किंगव डेज में सुबह 10 से शाम 4 बजे कर आकर अपनी काउंसिलिंग करा सकता है।
स्टूडेंट्स में एग्जाम फीयर
मनोवैज्ञानिक संध्या शुक्ला बताती हैं कि इस समय स्टूडेंट्स में एग्जाम फीयर साफ देखा जा रहा है। खासकर 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेेंट खासकर डरे हुए हैैं। कुछ स्टूडेंट्स तो ऐसे हैैं जो कि एग्जाम के नाम से ही डर रहे हैैं। वह एग्जाम को एक युद्ध की तरह देख रहे हैैं। अगर वह संतुलित होकर स्टडी करें तो प्राब्लम्स अपने आप दूर हो जाएगी।
कुछ इस तरह के स्टूडेंट्स आए
काउंसिलिंग कराने के लिए आए एक स्टूडेंट ने बताया कि उसका पढऩे में मन कम लगता है। मन को कैसे लगाए। वहीं दूसरे की समस्या थी कि वह याद तो करता है लेकिन कुछ देर बाद भूल जाता है। वहीं कुछ स्टूडेंट ऐसे आए जो पढऩा तो चाहते हैैं लेकिन वह कंसंट्रेट नहीं कर पाते हैैं। यहां आने वाले कुछ स्टूडेंट तो गार्जियन साथ आते हैैं वहीं कुछ सीधा आकर अपनी काउंसिलिंग करा रहे हैैं।
मैथ, साइंस और इंग्लिश लग रहे टफ
स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम में मैथ, साइंस और इंग्लिश सब्जेक्ट टफ लग रहे हैैं। स्टूडेंट्स इन सब्जेक्ट्स को लेकर प्राब्लम में हैैं। उनका मानना है कि यह वह सब्जेक्ट हैैं जो उनके रिजल्ट को खराब कर सकते हैैं। माना जा रहा है कि यह सब एग्जाम फीयर की वजह से है। सभी सब्जेक्ट्स को समझते हुए कूल माइंड से पढ़ें.
टीचर और स्टूडेंट्स में मनमुटाव
सेंटर में इस बार पहली बार टीचर और स्टूडेंट्स के बीच मनमुटाव के केस भी आए हैैं। स्टूडेंट्स और टीचर्स में आपसी सामंजस्य न होने के चलते वह एक दूसरे को प्राब्लम और साल्यूशन शेयरिंग में कंफर्ट फिल नहीं कर रहे हैैं। ऐसे में सलाह दी गई कि टीचर स्टूडेंट्स की बात सुनें और स्टूडेंट, टीचर पर प्रेशर न बनाएं।