कानपुर (ब्यूरो) कुछ बड़े मामलों का पुलिस ने खुलासा भी कर लिया लेकिन कई मामले महीना खत्म होते-होते अभी भी अनसुलझे हैैं। कुछ मामलों में टीमें काम कर रही हैैं तो कुछ मामलों में हार मान चुकी हैं। हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो आउटर के थाने कमिश्नरेट में शामिल होने के बाद थानों की संख्या 53 हो गई। जिसकी वजह से कमिश्नरेट का क्राइम ग्राफ एक बार चढ़ा तो चढ़ता ही चला गया।
पीट-पीट कर हत्या के मामले बढ़े
कमिश्नरेट में पुलिस का मूवमेेंट न होने का फायदा उठाकर तमाम वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। पीआरवी (पुलिस रेस्पांस व्हीकल) का समय से रेस्पांस न देना और थाना पुलिस की सुस्ती का शातिर जमकर फायदा उठा रहे हैैं। दिसंबर में सात वारदातें ऐसी हुईं, जिसमें पीट-पीट कर मार डाला गया। सूचना पर देरी से पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस मूवमेंट न होने का ताजा उदाहरण सचेंडी में सुरंग बना कर बैैंक से सोना चोरी की वारदात के रूप में सामने आई।
खाकी का क्रिमिनल्स से याराना
कई वारदातें ऐसी हुई हैैं जिनमें अगर पुलिस सूचना मिलने पर एक्टिव हो जाती तो शायद ऊपर की ओर चढ़ रहा क्राइम ग्राफ कम हो जाता। अधिकतर गुमशुदगी के मामले सामने आए हैैं, जिनमें परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर समय से सूचना मिल जाती तो शायद कई मौतें न होती। गोविंदनगर से गुम हुई युवती के मामले मेें भी पुलिस की लापरवाही सामने आई है। बिठूर में बीजेपी नेता के भाई के साथ हुई मारपीट के बाद पीडि़त पक्ष ने आरोपियों को पकड़ कर पुलिस को सौंपा भी था, लेकिन पुलिस ने आरोपियों को थाने से छोड़ दिया बीजेपी नेता के भाई की मौत के बाद पुलिस एक्टिव हुई और आरोपियों की धरपकड़ शुरू की।
इस महीने मर्डर का सिलसिला
2 दिसंबर : बिधनू के किसान नगर में महिला की गोली मारकर हत्या
3 दिसंबर : सचेंडी में धारदार हथियार से युवक की हत्या।
8 दिसंबर : गोलाघाट में 26 साल की महिला की हत्या कर शव फेंका।
9 दिसंबर : बिधनू रमईपुर साढ़ रोड पर मनोज की हत्या।
12 दिसंबर : बिल्हौर में शरद द्विवेदी की गोली मार कर हत्या।
15 दिसंबर : पनकी मंदिर के पास रामबाबू शर्मा की हत्या।
17 दिसंबर : बिठूर पिटाई में घायल बीजेपी नेता के भाई की मौत।
19 दिसंबर : बिठूर में मासूम की हत्या, मां ने की खुदकशी।
21 दिसंबर : रेलवे ट्रैक पर मिला छात्रा का शव, हत्या का आरोप।
22 दिसंबर : चकेरी में छात्रा का शव घर के नीचे मिला, हत्या का आरोप।
22 दिसंबर : गोविंद नगर में चौकीदार चंद्र प्रकाश की हत्या।
22 दिसंबर : कल्याणपुर में सिक्योरिटी गार्ड की हत्या, शव तालाब में फेंका।
22 दिसंबर : चौबेपुर के घाघपुर में सुरजाना देवी को पीट-पीट कर मार डाला।
23 दिसंबर : नौबस्ता के पशुपति नगर में 15 साल के आयुष्मान की हत्या।
25 दिसंबर : गुजैनी में किसान बलवान सिंह की गला रेत कर हत्या।
28 दिसंबर : गोविंद नगर में फैक्ट्री कर्मी को पीट पीट कर मार डाला
कुछ मामलों का खुलासा हो चुका है, जबकि कुछ मामलों में पुलिस खुलासों के करीब है। जल्द ही पेंडिंग मामलों का खुलासा किया जाएगा।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर
इस वजह से बढ़ी चुनौतियां
-आउटर कमिश्नरेट में शामिल होने से बढ़ा क्राइम ग्राफ
- पीआरवी का सूचना के बाद भी समय पर न पहुंचना
-पुलिसकर्मियों का अपराधियों के साथ याराना
- हाईटेक इक्विपमेंट और टेक्नोलॉजी की कमी
-नाइट पेट्रोलिंग में थाना पुलिस की लापरवाही
- मुखबिर तंत्र का लगभग खत्म हो जाना
- खुफिया से समय रहते सही इनपुट्स न मिलना