-रेप पीडि़त युवती ने एसपी ऑफिस के गेट पर खुद को लगाई आग, नाजुक
- रेप के आरोपियों पर कार्रवाई न होने से आहत थी युवती, जान से मारने की धमकी दे रहे थे आरोपी
- उन्नाव की घटना, 80 फीसदी से ज्यादा जल चुकी है युवती, हैलट की बर्न युनिट में कराया एडमिट
KANPUR : उन्नाव के चर्चित रेप केस में जिस वक्त दिल्ली की अदालत आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर पर फैसला सुना रही थी, ठीक उसी वक्त उन्नाव की ही एक और बेटी अपने साथ हुई हैवानियत के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ऑफिस में गुहार लगा रही थी। उसकी बात न सुने जाने पर उसने खुद को पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पुलिसकर्मी किसी तरह आग बुझाकर उसे नर्सिगहोम ले गए। जहां से उसको हैलट रेफर कर दिया। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि वह 80 प्रतिशत जल गई है।
रिपोर्ट दर्ज, कारर्वाई नहीं
उन्नाव हसनगंज निवासी युवती का इलाके के ही रहने वाले अवधेश सिंह से प्रेम प्रसंग था। अवधेश ने शादी का झांसा देकर युवती का शारीरिक शोषण किया। युवती ने जब शादी के लिए दबाव बनाया तो आरोपी ने इंकार कर दिया। मजबूर होकर युवती ने अवधेश और उसके साथियों पर रेप का मामला दर्ज कराया। युवती का आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। वह थाने के चक्कर लगाकर थक गई थी। इस बीच आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई। आरोपी को खुलेआम घूमते देख पीडि़ता टूट गई।
पुलिस की हीलाहवाली से
पीडि़ता का आरोप है कि जमानत मिलने से आरोपी के हौसले बुलंद थे और उसने जान से मारने की धमकी भी दी थी। वह मंडे को एसपी ऑफिस शिकायत करने पहुंची तो उसको गेट पर ही रोक दिया गया। काफी गिड़गिड़ाने के बाद भी उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। जिससे आहत युवती ने गेट के सामने ही पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। जिसे देख वहां पर अफरा तफरी मच गई। हैलट में पीडि़त युवती को डॉक्टर जीडी यादव की यूनिट में एडमिट किया गया है। 80 फीसदी से अधिक जल जाने के कारण उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। जलन से वह चीख रही है। चीखते हुए युवती बार-बार बोल रही थी कि मैं तो मर जाऊंगी, लेकिन आरोपियों को मत छोड़ना।
धरने पर बैठे सपाई
हैटल में रेप पीडि़ता के एडमिट किए जाने का पता चलते ही सपा नेता वहां पहुंच गए। सपा नेताओं ने कहा कि यूपी में बेटियां सुरक्षित नहीं है। जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, वे लोग धरने से नहीं उठेंगे। स्वरूपनगर पुलिस गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया तब वे शांत हुए।