-जयनगर से दिल्ली डाउन स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से पैंट्रीकार मैनेजर रंजन को जीआरपी ने पकड़ा
-सीटीएमएम के नाम से फोन आने पर रंजन से ही नोटों से भरा बैग कानपुर सेंट्रल पर रिसीव किया था
KANPUR: कानपुर सेंट्रल पर अधिकारी का लगेज समझकर उतारा गये 1.40 करोड़ रुपयों से भरे बैग का सच अब जल्द सामने आएगा। दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से पेंट्रीकार के मैनेजर रंजन ने इस बैग को कानपुर सेंट्रल पर रेलवेकर्मी का सौंपा था। थर्सडे को जय नगर से वापसी में इसी ट्रेन से रंजन को जीआरपी ने अपनी हिरासत में ले लिया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ही सबसे पहले इस शख्स का नाम खोला था। रंजन से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है, पूरी उम्मीद है कि बैग से जुड़ा हर राज रंजन उगल सकता है। समस्तीपुर के रहने वाले रंजन को पकड़ने के लिए जीआरपी की टीम इलाहाबाद से ही उसे फॉलो कर रही थी। ट्रेन के सुबह 9:25 बजे कानपुर सेंट्रल पहुंचते ही उसे हिरासत में ले लिया गया।
अधिकारी की संलिप्तता पर मोहर
आरपीएफ सोर्सेस के मुताबिक रंजन ने थर्सडे को हुई पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी है। पेंट्रीकार मैनेजर ने पैसा रेलवे के किसी अधिकारी का ही होने की बात कबूल की है। उसका कहना है कि दिल्ली में एक टीटी ने उसको यह कह कर ट्राली बैग दिया था कि यह बैग रेलवे के एक अधिकारी का है। कानपुर में उनका एक आदमी आएगा। उसको बैग दे देना।
टीटी की तलाश शुरू
यह रुपए कानपुर में किसके पास जाने थे। इसका खुलासा करने में दिल्ली स्टेशन में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज अहम होगी। रंजन के मुताबिक उसको किसी टीटी ने बैग दिया था। फुटेज के आधार पर अगर जीआरपी टीटी तक पहुंच जाती है तो केस सुलझने में समय नहीं लगेगा।
टीटी रेस्ट रूम तक बैग लेने आया था
रेलवे सोर्सेस के मुताबिक 15 फरवरी की देर रात 3 बजे एक युवक स्वतंत्रता सेनानी से उतारे गए बैग को लेने के लिए टीटीई के रेस्ट रूम तक आया था। डिप्टी एसएस कामर्शियल में तैनात इंचार्ज ने बैग रेलवे के एक सीनियर आफिसर का होने के चलते दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बैग देने के लिए भेजा था। बैग देने पहुंचे दोनों कर्मचारियों को युवक न तो अधिकारी से फोन पर बात कराने का राजी हुआ न ही उसने कोई आईडी दे रहा था। इसके चलते कर्मचारियों ने बैग को देने से मना कर दिया और वापस बैग को डिप्टी कामर्शियल आफिस में लाकर रख गया।
इनकम टैक्स की टीम पहुंची
थर्सडे को इनकम टैक्स की टीम जांच के लिए जीआरपी थाने पहुंची.जीआरपी इंस्पेक्टर राम मोहन राय ने बताया कि इनकम टैक्स के डिप्टी डायरेक्टर अमित तिवारी अपनी टीम के साथ आए थे। पैसा अभी वह नहीं ले गए है। उन्होंने बाद में बताने की बात कही हैं।
जिस इंटरकॉम से आई कॉल, वह कई दिनों से खराब
दिल्ली से स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार में भेजे गए बैग को कानपुर में उतारने के लिए इलाहाबाद से डिप्टी एसएस कामर्शियल में कॉल किया गया था। कॉलर ने यह कॉल रेलवे के इंटरकॉम फोन से किया था। जिसकी जानकारी कानपुर में डिप्टी एसएस कामर्शियल इंचार्ज ने भी दर्ज की थी। रेलवे सोर्सेस के मुताबिक इलाहाबाद से जिस रेलवे इंटरकॉम फोन से कॉल आई थी। वह कई दिनों खराब पड़ा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि इंटरकॉम फोन खराब था तो फोन कहां से आया, इस पर जांच शुरू हो गई है।