-डीजे आई नेक्स्ट, रेडियो सिटी और परवरिश के सहयोग से सेंट जॉन इंटर कॉलेज में ऑर्गनाइज हुआ सेक्सुअल अब्यूज पर सेमिनार
-बैड टच के साथ ही उस सिचुएशन में क्या करें, बच्चों को बताया गयाबिना परमीशन प्राइवेट पार्ट्स को छूना अनसेफ टच
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KANPUR : चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज (यौन शोषणा) हमेशा अकेले में ही होता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को इसके बारे में बताया जाए कि इसे कैसे पहचानें और अनकंफर्टेबल सिचुएशन में उन्हें क्या करना चाहिए, इसके बार में बात की जाए। इसी मकसद के साथ डीजे आई नेक्स्ट, रेडियो सिटी और परवरिश संस्था की सहयोग से चल रहे 'ब्रेक दि साइलेंस' अभियान के तहत 'आओ बात करें' सेमिनार ऑर्गनाइज किया गया। नवाबगंज स्थित सेंट जॉन इंटर कॉलेज में आयोजित सेमिनार में परवरिश संस्था की टीचर कोच दीप्ती मिरानी ने बच्चों के सामने इंडिया में सेक्सुअल अब्यूज के आंकड़ें रखे। उन्होंने बताया कि देश में 94 परसेंट मामलों में बच्चों के रिलेटिव और पड़ोसी ही दोषी पाए गए। तो जरूरी है कि बच्चों से इस बारे में बात की जाए। इस मौके पर स्कूल के डायरेक्टर पी क्लोडियस, प्रिंसिपल हनी क्लोडियस और वंदना माैजूद रहीं।
अनसेफ टच जानना होगा
दीप्ती ने बच्चों को सेमिनार के दौरान बताया कि गुड और बैड टच के बारे में बताया गया होगा। लेकिन अनसेफ टच के बारे में भी अवेयर होना होगा। प्राइवेट पार्ट्स को छूना इसकी कैटेगिरी में आता है। बॉडी आपकी है तो इसके बारे में आपको ही रक्षा करनी होगी। सेक्सुअली अब्यूज के दायरे में बॉडी को 4 कैटेगिरी माउथ, चेस्ट व ब्रेस्ट, जैंटल (बिटविन लेग), बॉटम में डिवाइड किया गया है। सेमिनार के दौरान स्कूल की टीचर वीना जुयाल और शालिनी स्कॉट और प्रीति गुप्ता मौजूद रहीं। रेडियो सिटी आरजे राघव ने स्टूडेंट्स को अवेयर किया।
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ब्वॉयज पर खतरा ज्यादा
देश में होने वाले सेक्सुअल अब्यूज के आंकड़ों पर गौर करें तो गर्ल्स से ज्यादा ब्वॉयज इसके शिकार होते हैं। दीप्ती के मुताबिक इंडिया में ईयरली 53 परसेंट ब्वॉयज के साथ सेक्सुअली अब्यूज होता है। जबकि गर्ल्स के साथ महज 47 परसेंट होता है। वहीं लोग समझते हैं कि रात या दिन में ब्वॉयज सेफ होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जबकि गर्ल्स और ब्वायॅज की सेफ्टी दोनों में अंतर नहीं होना चाहिए।
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जोर से चिल्लाने की प्रैक्टिस करें
सेमिनार के दौरान बच्चों अनसेफ सिचुएशन के दौरान बचाव के टिप्स भी दिए गए। बच्चों से सेक्सुअली अब्यूज के दौरान बचने के तरीके पूछे गए तो हर किसी ने अपने-अपने जवाब दिए। जबकि सही तरीका गुस्से में जोर से चिल्लाना होता है और सेफ पर्सन के पास भागना होता है। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 में कॉल करने को भी कहा गया। जोर से चिल्लाने की प्रैक्टिस ब्वॉयज और गर्ल्स दोनों से कराई गई।
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आंकड़ों में सेक्सुअल अब्यूज
-15 मिनट में एक बच्चे के साथ होता है सेक्सुअल अब्यूज
-96 बच्चे हर रोज बनते हैं इसका शिकार
-53 परसेंट ब्वॉयज के साथ होता है यौन शोषण
-47 परसेंट गर्ल्स के साथ होता है सेक्सुअल अब्यूज
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बॉडी को बिना परमीशन छूना बैड टच
-गाल खींचना
-किस करना
-गले मिलना
-गोद में बैठाना
-कहीं भी हाथ लगाना
-हाथ मिलाना
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बॉडी की 4 कैटेगिरी
-माउथ
-चेस्ट व ब्रेस्ट
-जैंटल (बिटविन लेगग)
-बॉटम
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सेमिनार की मुख्य बातें
-सेक्सुअल अब्यूज में कभी भी बच्चे की गलती नहीं होती है
-बिना परमीशन बॉडी को छूने से अंकफर्टेबल फील होना बैड टच होता है
-पॉर्न वीडियो, फोटो भेजना भी सेक्सुअली अब्यूज कहलाता है
-बच्चों को 2 सेफ पर्सन के बारे में अपने पेरेंट्स को जरूर बताना चाहिए
-यौन शोषण होते वक्त जोर से चिल्लाना और भागना चाहिए।
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ये भी सेक्सुअल अब्यूज के दायरे में
-मजाक में भी बिना पूछे पैंट या स्कर्ट उतारना
-वॉशरूम यूज करते वक्त दरवाजा खोलना
-बिना कपड़े फोटो क्लिक करना
-अपने प्राइवेट पार्ट्स को हाथ लगवाना
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