- ट्रेन के सभी कोचों में लगाए जा रहे फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम
- यह सिस्टम समय पर आग को नियंत्रण कर सकेगा स्टाफ
KANPUR। ट्रेन की जर्नी अब और सुरक्षित हो जाएगी। दरअसल, ट्रेन के सभी कोच में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगाए जा रहे हैं। समय रहते यह सिस्टम अलर्ट कर देगा। जिससे यह ट्रेन को बर्निग ट्रेन बनने से रोक देगा। शताब्दी ट्रेन में भी यह सिस्टम लगाया जाएगा। रेलवे आफिसर्स के मुताबिक, एनसीआर रीजन के सभी रेल कोचों को फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से लैस किया जा रहा है। रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री में यह सिस्टम लगाने का कार्य किया जा रहा है।
क्000 से अधिक कोचों में
एनसीआर जीएम वीके त्रिपाठी के मुताबिक एनसीआर रीजन के म्ब् कोच में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगाए जा चुके हैं। अभी क्000 से अधिक कोचों में स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाना बाकी है। आफिसर्स के मुताबिक संभावना है कि इस वर्ष के अंत तक एनसीआर रीजन के अंतर्गत आने वाले तीनों डिवीजन प्रयागराज, झांसी व आगरा के रेल कोचों में यह सिस्टम लग जाएगा।
कैसे काम करता है सिस्टम
- एसी और नॉन एसी कोचों में यह सिस्टम लगाए जा रहे
- गार्ड और रेल इंजन से कनेक्ट होगा यह सिस्टम
- कोच में धुंआ या आग लगने पर गार्ड व ड्राइवर को अलर्ट मिलेगा
- रेल स्टाफ समय रहते आग पर नियंत्रण कर सकेगा
एसी मैकेनिक को ट्रेनिंग
एनसीआर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि सभी ट्रेनों में जीआरपी, आरपीएफ व एसी मेंटीनेंस स्टाफ मौजूद रहता है। जिनको फायर कंट्रोल करने को लेकर ट्रेनिंग समय-समय पर दी जाती है। रेल कोचों में लगाए जा रहे फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम के बारे में इन स्टाफ को ट्रेंड किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रेन हर दूसरे कोच में फायर कंट्रोल सिलेंडर रखा रहता है। समय पर घटना की जानकारी होने पर वह फायर कंट्रोल सिलेंडर के माध्यम से आग में चंद सेकेंड में नियंत्रण कर सकेंगे।
एक नजर में
- क् हजार से अधिक रेल कोचों में लगना है एंटी स्मोक सिस्टम
- म्ब् कोचों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन लगाया जा चुका है
- ख्0ख्क् के लास्ट मंथ तक रीजन के सभी कोचों में लग जाएगा
- ख्0 से अधिक कानपुर से चलने वाली ट्रेनों के कोच में होगी सुविधा
- ख् महीने के अंदर शताब्दी ट्रेन को भी इस सिस्टम से लैस किया जाएगा
ट्रेन के सभी कोच में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लग जाने से रेल जर्नी और सिक्योर हो जाएगी। एनसीआर रीजन के सभी कोचों में यह सिस्टम लगाया जा रहा है। जिससे आग की घटनाओं पर समय पर कंट्रोल किया जा सकेगा।
अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर