कानपुर (ब्यूरो) जानकार बताते हैं कि जू में एक करोड़ की लागत का प्रोजेक्ट ट्वाय ट्रेन का लोकार्पण हो गया लेकिन जू प्रशासन ने आठ साल में एक बार भी विशेषज्ञों से सेफ्टी आडिट नहीं कराया है। जू प्रशासन मेंटीनेंस के नाम पर लाखों रुपये खर्च करता रहा लेकिन सुरक्षा व तकनीकी मानकों पर ध्यान नहीं दिया।
चार प्वाइंट पर खतरे का अंदेशा
चिडिय़ाघर में दर्शकों के मनोरंजन के लिए वर्ष 2014 के अक्टूबर माह से संचालित ट्वाय ट्रेन (बाल रेल) में खामियां सामने आने लगी थी। ढाई किमी के दायरे में रात्रिचर घर, जेब्रा बाड़ा, गैंडा बाड़ा और शेर के बाड़ा की तरफ से होकर निकलने वाली पटरियों में खामियां व्याप्त हैं। इनमें समानांतर पटरियां न होने, पटरी के आसपास मानक अनुसार गिट्टियां न भरी होने और ट्रेन के बोगियों के बीच अधिक अंतर, प्लेटफार्म पर मानक विपरीत पिलर लगे होना शामिल है।
ट्वाय ट्रेन का संचालन बंद
26 नवंबर को रामादेवी निवासी शिक्षिका अंजू शर्मा की ट्वाय ट्रेन से गिरकर मौत होने के प्रकरण की जांच चल रही है। रविवार को तीन सदस्यीय कमेटी ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। अभी जांच का सिलसिला जारी है। इसलिए जू प्रशासन ने अग्रिम आदेशों तक ट्वाय ट्रेन का संचालन बंद रखने का फैसला लिया है।
ट्रेन और ट्रैक के मरम्मत कार्य की जिम्मेदारी ठेका कंपनी की है। ट्वाय ट्रेन का संचालन सुरक्षा मानक अनुसार हो, इसे करना कार्यदायी कंपनी की जिम्मेदारी है। हादसे की जांच रिपोर्ट फाइनल होने के बाद रेलवे के इंजीनियरों को पत्र लिखकर सुरक्षा ऑडिट की मंजूरी ली जाएगी।
केके ङ्क्षसह, निदेशक, कानपुर प्राणि उद्यान.