कानपुर (ब्यूरो)। नॉर्थ ईस्ट रेलवे में योग्य सफाइकर्मियों (हाउस कीङ्क्षपग स्टाफ) का टिकट कलेक्टर (टीसी) और क्लर्क बनने का सपना अब जल्द पूरा हो सकेगा। रेलवे प्रशासन ने एनई रेलवे मजदूर यूनियन की सहमति मिलने के बाद सभी विभागों के सफाईकर्मियों को डिपार्टमेंटल कॉम्पटेटिव एग्जामिनेशन (एलडीसीई) में बैठने की इजाजत दे दी है। रेलवे बोर्ड ने चार मार्च, 2021 को ही एलडीसीई कोटा के अंतर्गत मान्यता प्राप्त यूनियनों के परामर्श से सफाईकर्मियों को प्रमोशन देने के लिए सभी जोन के जीएम को डायरेक्शन दिए थे। इसके बाद भी पूर्वोत्तर रेलवे के सफाईकर्मियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था।

डीआरएम को जारी किया लेटर

सभी डिवीजनल रेलवे मैनेजर्स(डीआरएम) और मुख्य कारखाना प्रबंधकों को लेटर भेजा गया है। इस लेटर में एलडीसीई के अंतर्गत रिक्त पदों के आधार पर सफाईकर्मियों को डिपार्टमेंटल प्रमोशन देने की प्रक्रिया शुरू करने के डायरेक्शन दिए गए हैं। एलडीसीई कोटा के अंतर्गत शैक्षिक योग्यता रखने वाले सफाईकर्मी कॉमर्शियल कम टिकट क्लर्क के 2000 ग्रेड पे (लेवल- 3) के 16-2/3 प्रतिशत पद पर तैनाती के लिए एलडीसीई में बैठ सकते हैं। कॉमर्शियल विभाग में लेखा लिपिक के लिए 1900 ग्रेड पे पर 8-1/3 प्रतिशत पद पर तैनाती के लिए एलडीसीई में बैठ सकते हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे में पहले से चल रही है प्रक्रिया

दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे के ट्रैक मेंटेनर और खलासी आदि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एलडीसीई कोटा के तहत विभागीय पदोन्नति परीक्षा के माध्यम से तकनीशियन, लिपिक, सहायक स्टेशन मास्टर और सहायक लोको पायलट बन जा रहे थे। वहीं सफाईकर्मियों को एलडीसीई में बैठने का मौका नहीं मिल पा रहा था। जबकि, वर्ष 2016 में ही विभागीय पदोन्नति का प्रस्ताव तैयार हो चुका था। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन के प्रस्ताव पर बोर्ड ने तीन साल पहले ही एलडीसीई कोटा के अंतर्गत सफाईकर्मियों को भी पदोन्नति देने का निर्देश दिया था।

जल्द से जल्द लागू किया जाए

एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने महाप्रबंधक के साथ आयोजित स्थायी वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में इस लंबित प्रकरण को प्रमुखता से उठाते हुए इस व्यवस्था को यथाशीघ्र लागू करने के लिए 10 जुलाई, 2024 को पत्र लिखा था। यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता ने प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा कि 1800 ग्रेड पे पर तैनात सफाईकर्मी इसी पद से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। योग्यता होने के बाद भी उन्हें रेलवे की विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं में बैठने का मौका नहीं मिल पाता है। अब सफाईकर्मियों को भी आगे बढऩे का अवसर मिल सकेगा।