कानपुर(ब्यूरो)। दिल्ली-हावड़ा रूट का सफर दिन प्रतिदिन और सुरक्षित होता जा रहा है। रेलवे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के साथ ही सेफ्टी पर भी लगातार काम कर रही है। यही कारण है कि बीते दो से तीन वर्ष में कानपुर समेत प्रयागराज डिवीजन की 72 परसेंट ट्रेनें एलएचबी कोचों से लैस हो गई है। जो आईसीएफ कोचों की अपेक्षा अधिक सुरक्षित व हाई स्पीड में चलने की क्षमता रखते हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कानपुर से विभिन्न रूटों में संचालित होने वाली 8 ट्रेनें भी एलएचबी कोच से लैस हो गए है।
सबसे पहले श्रमशक्ति
प्रयागराज डिवीजन के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि प्रयागराज डिवीजन की एलएचबी से लैस की गई सबसे पहली ट्रेन प्रयागराज-जयपुर थी। वहीं कानपुर की सबसे पहली ट्रेन श्रमशक्ति थी। जिसको एलएचबी कोचों से लैस किया गया था। आईसीएफ कोचों के बाद एलएचबी कोच लगने से ट्रेन में सेकेंड, थर्ड व स्लीपर कोचों के साथ जनरल कोच में पैसेंजर सीट की क्षमता अधिक हो गई है। जिससे पैसेंजर्स को काफी राहत मिली है।
एलएचबी कोच की खासियत
- आईसीएफ कोच की तुलना में अधिक सुरक्षित
- दुर्घटना होने पर कोच एक दूसरे पर नहीं चढ़ते
- दुर्घटना में जान माल का नुकसाना कम होता है
- बर्थ की संख्या आईसीएफ कोच से अधिक होती हैं
- ब्रेल लिपि में भी कोच के एंट्री गेट पर पूरी जानकारी
-बायो टॉयलेट से लैस होते हैं सभी कोच
- अधिक स्पीड से दौडऩे की क्षमता इन कोचों में
यह ट्रेनें एचएलबी कोच से लैस
- श्रमशक्ति एक्सप्रेस
- कानपुर-अमृतसर
- कानपुर-हैदराबाद
- रिवर्स शताब्दी
- कानपुर-मानिकपुर
- कानपुर-जम्मूतवी
- कानपुर-सूरत
- वंदेभारत एक्सप्रेस
- प्रयागराज-जयपुर
- प्रयागराज-दिल्ली
- कालका एक्सप्रेस
-ग्वालियर-बरौनी
- जोधपुर हावड़ा
आंकड़े
120 से अधिक रैक पूरे डिवीजन में
72 परसेंट रैक एचएलबी कोच के
8 ट्रेनें कानपुर से चलने वाली एलएचबी कोच से लैस
180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड कोचों की
एलएचबी रेल कोच का आधुनिक वर्जन है जो आईसीएफ कोचों की अपेक्षा अधिक सुरक्षित होने के साथ अधिकतम स्पीड में दौडऩे की क्षमता रखते हैं। डिवीजन की सभी ट्रेनों को एलएचबी कोचों से लैस करने पर तेजी से काम चल रहा है।
अमित सिंह, पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन