कानपुर (ब्यूरो) ट्रेन में जर्नी के दौरान अचानक तबियत खराब होने पर अभी पैसेंजर्स को उपचार के लिए अगले स्टेशन का इंतजार करना पड़ता है। जहां ट्रेन का स्टॉपेज हो। इसी कारण कई पैसेंजर्स उपचार की आस में दम तोड़ देते है। वहीं गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी ट्रेन में ही भगवान भरोसे हो जाती है। इस समस्या का निदान करते हुए रेलवे ने ट्रेन में तैनात रहने वाले आरपीएफ व जीआरपी स्कॉट के साथ टीटीई, कोच अटेंडेंट को मेडिकल ट्रीटमेंट की ट्रेनिंग दे रहा है। जिससे इन परिस्थितियों में पैसेंजर्स को चंद मिनटों के अंदर प्राथमिक उपचार मिल सके।
तीन दिवसीय कैंप लगाया जाएगा
एनसीआर सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि पैसेंजर्स की सुविधाओं को देखते हुए व इमरजेंसी के दौरान पैसेंजर्स को मेडिकल ट्रीटमेंट मुहैया कराने को लेकर रेलवे ने यह योजना बनाई है। इसके लिए प्रयागराज, कानपुर, झांसी, आगरा समेत विभिन्न बड़ी सिटीज में रेलवे अपने रनिंग स्टॉफ को मेडिकल ट्रेनिंग दे रहा है। जोकि ट्रेन व स्टेशन पर तैनात रहते हंै। कर्मचारियों को मेडिकल ट्रेनिंग के लिए उनके हेड आफिस पर रेलवे डॉक्टर्स के द्वारा तीन दिवसीय ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें शार्ट फिल्म व प्रैक्टिकल मेडिकल ट्रेनिंग दी जा रही है।