-8 दिन में 1000 लीटर सैनेटाइजर तैयार किया गया, पांच लोगों की टीम लगी है सैनेटाइजर तैयार करने में

-कोरोनो रिलीफ ट्रेनें चलाने के साथ बड़ी संख्या में मास्क भी बनाए जा रहे, कोच में आइसोलेशन वार्ड

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KANPUR: कोरोना की जंग को जीतने के लिए सभी सरकारी विभाग भी अपनी तरह से लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन, इनमें सबसे आगे है रेलवे। जो लॉकडाउन में पूरे देश में गुड्स ट्रेनों के जरिए माल सप्लाई कर रहा है साथ ही कोरोना की लड़ाई में सबसे अहम हथियार सैनेटाइजर, मास्क और आइसोलेशन वार्ड भी तैयार कर रहा है। फजलगंज स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड की मैकेनिकल लैब में सैनेटाइजर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। सीनियर डिविजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में केमिकल एंड मेटलरजिस्ट सुपरिटेंडेंट आरबी वर्मा के दिशा-निर्देश पर पांच सदस्यीय टीम डेली 100 से 150 लीटर सैनेटाइजर तैयार कर रही है। इसके साथ ही यहां पर बड़ी संख्या में मास्क भी बनाए जा रहे हैं।

डब्लूएचओ स्टैंड‌र्ड्स के मुताबिक

आरबी वर्मा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित नियमों के मुताबिक ही लैब में सैनेटाइजर बनाया जा रहा है। बनाने के लिए आइसो प्रोपाइल अल्कोहल, हाईड्रोजन परॉक्साइड और ग्लिसराल के साथ अधिक मात्रा में पानी मिला कर तैयार किया जाता है। पांच सदस्यीय टीम डेली 100 से 150 लीटर सेनेटाइजर तैयार कर रही हैं।

हाथ धोने के बाद ही एंट्री

इलेक्ट्रिक लोको शेड के ऑफिसर्स के मुताबिक, लैब में तैयार होने वाला सैनेटाइजर फिलहाल अभी रेलवे अपने स्टाफ के लिए ही सप्लाई करेगा। कोरोना की चपेट से रेलवे वर्कर्स को बचाने के लिए सभी डिपार्टमेंट के बाहर सैनेटाइजर रखा जाएगा। जिससे ऑफिस में आने वाला हर शख्स हाथों को अच्छी तरह सैनेटाइज करने के बाद ही प्रवेश कर सके।

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कोरोना की लड़ाई में रेलवे का योगदान

-30 रेल कोच में आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा

-लोको हॉस्पिटल में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार

-150 लीटर सैनेटाइजर रोजाना तैयार कर रहा है

-बड़ी संख्या में मास्क भी बनाए जा रहे हैं

-पुलिसकर्मियों के लिए सेल्फ प्रोटेक्शन सूट बना रहा

- फुट पैडल ऑपरेटेड हैंड वॉश बेसिन तैयार किया

-कोरोना रिलीफ गुड्स ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं

-स्टेशनों के आसपास जरूरतमंदों को खाना पहुंचा रहे