कानपुर (ब्यूरो) नूपुर शर्मा ने विवादास्पद बयान 26 मई को दिया और 27 मई को एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने थाने में शिकायती पत्र दिया, जिसमें कहा गया कि नूपुर शर्मा ने गलत बयानबाजी की है और इसके खिलाफ वह लोग तीन जून को बाजार बंद और पांच जून को जेल भरो आंदोलन करने जा रहे हैं। उसके बाद संगठन के पदाधिकारियों ने बाकायदा प्रेस कान्फ्रेंस की और दावा किया कि मुस्लिम बहुल इलाकों में अभूतपूर्व बाजार बंदी के प्रयास हो रहे हैं।
खुफिया इकाई को थी आशंका
स्थानीय खुफिया इकाई ने पुलिस अधिकारियों और थाना पुलिस को रिपोर्ट भेजकर आशंका जताई थी कि बाजार बंदी के बहाने शहर में ङ्क्षहसा हो सकती है। फिर भी बेकनगंज पुलिस ने कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की। थाने की जीडी पर इस मामले में कोई सूचना अंकित नहीं है। थाना प्रभारी ने एसीपी को छोड़कर प्रकरण से किसी को भी सूचित नहीं किया और न किसी प्रकार का पत्राचार किया। बाजार बंदी की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त फोर्स की मांग भी नहीं की।
मुकदमा दर्ज करने में क्यो किया हेर फेर
पुलिस ने जो मुकदमा दर्ज किया है उसमें सरकारी संपत्ति का नुकसान होने की बात दर्ज की गई है, जबकि पुलिस के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिसमें साबित किया जा सके कि सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है हालांकि, पथराव में थाना पुलिस की जीप का शीशा टूटा था। जीप की न तो फोटोग्राफी कराई और न कोई फॉरेंसिक जांच, बल्कि टूटे शीशे को बदलवा लिया गया।
उपद्रव से बनाना था वैश्विक मुद्दा
इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि क्या जो कुछ हुआ उसके पीछे बड़ी साजिश थी। असल में जिस दिन बवाल हुआ उस दिन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री मौजूद थे। एसआईटी को शुरुआती जानकारी मिली है कि उपद्रवियों की मंशा थी कि वीवीआईपी के शहर में रहते उपद्रव होगा तो खबर वैश्विक स्तर तक जाएगी। उसके बाद मुद्दे को भुनाना आसान होगा और वही हुआ।
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एसआईटी जांच कर रही है। पुलिस की कार्यप्रणाली भी जांच के दायरे में है। रिपोर्ट मिलने पर जल्द ही कार्रवाई होगी।
- आनन्द प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त