- कमिनश्नरेट में क्राइम कंट्रोल की कवायद, पीआरवी कर्मियों की शुरू की गई ट्रे¨नग
KANPUR : क्राइम कंट्रोल में सबसे महत्वपूर्ण होता है अपराध की सूचना मिलने पर रिस्पांस करना। रिस्पांस टाइम जितना कम होगा। क्राइम कंट्रोल करना उतना ही आसान होगा। इसी मंत्र को लेकर पीआरवी में तैनात जवानों की ट्रे¨नग कराई जा रही है। इस ट्रे¨नग में उन्हें सूचनाओं की बारीकी तो सिखाई जा रही है साथ ही सोशल ग्रू¨मग (आम बोल चाल) पर भी ज्ञान दिया जा रहा है।
ट्रे¨नग मॉड्यूल लागू किया
अब तक किसी घटना की सूचना पर पुलिस पीआरवी के पहुंचने में दस से पंद्रह मिनट का रिस्पांस टाइम लग रहा है। इस टाइम को कम करके सात-दस मिनट तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। उसके लिए एक ट्रे¨नग मॉड्यूल लागू किया गया है। जिसका इंचार्ज एडीसीपी डॉ। अनिल कुमार को बनाया गया है। ट्रे¨नग में बताया जा रहा है कि हर सूचना महत्वपूर्ण होती है। सूचना मिलते ही घटनास्थल तक पहुंचना प्रियारिटी होनी चाहिए। जब पीआरवी में तैनात पुलिसकर्मी हर सूचना को गम्भीर सूचना मानेगा तब जाकर रिस्पांस टाइम बहुत कम हो जाएगा।
पीआरवी कर्मी भाषा ठीक रखें
ट्रे¨नग में ये भी बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर पहुंचने में कई विवाद आपस की बातचीत से हल किए जा सकते हैं। इसके लिए पीआरवी में तैनात कर्मी को आम बोल चाल की भाषा सही करनी पड़ेगी।
'' पूरे जिले के पीआरवी कर्मियों की ट्रे¨नग कराई जा रही है। कानपुर आउटर में ग्रामीण इलाकों में दूरी ज्यादा होती है। इस वजह से वहां के रिस्पांस टाइम का टारगेट 10-15 मिनट का रखा गया है.''
डॉ। अनिल कुमार, एडीसीपी
पीआरवी: एक नजर में
शहर में थाने - 45
कमिश्नरेट के पहले थीं - 110 पीआरवी
मांग की गई थी - 45 पीआरवी
शहर को मिलीं - 41 पीआरवी
अब कुल पीआरवी - 151