-पुलिस और प्रशासन की पुख्ता तैयारी और अलर्टनेस के चलते भारत बंद का शहर में नहीं दिखा कोई खास असर
-बाजारों में पुलिस अधिकारियों ने लगाई गश्त, हर जगह तैनात रही पुलिस टीम, द्रोण कैमरे से भी की गई निगरानी
- सड़क पर उतरने से पहले ही बंद का समर्थन कर रहे नेताओं को किया गिरफ्तार, ज्यादातर को घर में किया नजरबंद
-512 लोग हिरासत में लिए गए, 24 नजरबंद, आधे प्रदर्शनकारियों को लाया गया पुलिस लाइन, दोपहर बाद छोड़ा गया
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KANPUR : किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद पर पुलिस और प्रशासन का बंदोबस्त भारी पड़ा। बंद का आह्वान करने वाले विपक्षी दलों के ज्यादातर नेताओं को पुलिस ने सड़कों पर उतरने ही नहीं दिया। पुलिस ने उन्हें घरों में ही रोक लिया। इसकी वजह से शहर में बंदी का कोई खास असर नजर नहीं आया। सुबह से ही सभी बाजार सामान्य रूप से खुले। थोक बाजार जरूर देर से खुले लेकिन मोहल्लों और गलियों में दुकानें सुबह से ही खुल गईं। दूसरी ओर नौबस्ता गल्ला मंडी में आढ़तियों ने कारोबार बंद रखा। गड़रियनपुरवा में ऑटो मार्केट के कारोबारियों ने बंद के समर्थन में दुकानें नहीं खोलीं। पूरे दिन चले हंगामे के बीच पुलिस ने 512 लोगों को हिरासत में लिया और 24 नेताओं को घर में ही नजरबंद रखा।
इन क्षेत्रों में पहले की तरह खुल गईं दुकानें
बंद को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले ही सारी रणनीति बना रखी थी। सुबह से ही पुलिस और प्रशासन के सीनियर अधिकारियों ने शहर के प्रमुख बाजारों में गश्त की। कारोबारियों को सुरक्षा का भरोसा दिया। कदम-कदम पर पुलिस की टीमें तैनात थीं। वहीं द्रोण कैमरे से भी निगरानी की जाती रही। जिसका असर ये हुआ कि बर्रा, किदवई नगर, नौबस्ता, कर्रही, कौशलपुरी, गुमटी, अशोक नगर, नवाबगंज, चकेरी, श्याम नगर, पनकी, कल्याणपुर आदि क्षेत्र के मोहल्लों में दुकानें खुल गई थीं। नवीन मार्केट में सबसे पहले राजनीतिक दलों ने बंदी का प्रयास किया। इसलिए वहां व्यापारियों ने थोड़ा इंतजार के बाद दुकानें खोलनी शुरू कीं।
प्रशासन ने बिगाड़ा गणित
प्रदर्शन करने की तैयारी कर चुके विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ताओं का प्लान पुलिस ने कामयाब नहीं होने दिया। प्रशासन ने सुबह 10 बजे से नेताओं के घर पर डेरा डाल दिया और उन्हें नजरबंद कर दिया। सपा कार्यकर्ता पदाधिकारियों के साथ शिक्षक पार्क नवीन मार्केट में सुबह साढ़े 11 बजे धरना और प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने पहले पहुंच कर सारा खेल बिगाड़ दिया था।
कांग्रेसी भी हुए नजरबंद
प्रदर्शन के लिए सुबह पूर्व सांसद सुभाषिनी अली,विधायक सुहैल अख्तर अंसारी, शहर कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री, विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं करिश्मा ठाकुर को नजरबंद किया गया। कई बड़े नेता स्वामीनाथ गिरी, जयशंकर द्विवेदी, निमित मिश्रा कार्यकर्ताओं के साथ उनके घर पहुंचे थे, जहां पुलिस ने सभी को बैठा लिया।
इन लोगों की हुइर् अरेस्टिंग
विधायक अमिताभ बाजपेयी, इरफान सोलंकी, नगर अध्यक्ष डॉक्टर इमरान के अलावा सम्राट विकास यादव, अकील शानु, फिरोज खान, अरमान खान, रियाज, बबलू मोहम्मद, बंटी यादव, मेराज और शाहरुख खान की गिरफ्तारी हुई।
इन क्षेत्रों में भी गूंजा शोर
- पूर्व सांसद राजाराम पाल को कार्यकर्ताओं के साथ फूलबाग गांधी प्रतिमा से हिरासत में लिया गया।
- यशोदा नगर बाईपास चौराहे पर सरदार पटेल की मूर्ति के नीचे सपा युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन
- समाजवादी युवजन सभा कानपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष अर्पित यादव पार्षद और अरमान खान के नेतृत्व में ट्रैक्टर व मोटर साइकिलों से रैली निकाली गई।
- प्रसपा लोहिया कानपुर महानगर अध्यक्ष आशीष चौबे के नेतृत्व में कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद थानाध्यक्ष स्वरूपनगर को ज्ञापन दिया गया।
बड़े-बड़े व्यापारी नेता बंद से रहे दूर
- फीटा के महामंत्री उमंग अग्रवाल ने भी अपने संगठन की सभी व्यापारिक और औद्योगिक इकाइयों के खुले रहने की घोषणा की थी।
- कैट के राष्ट्रीय सचिव और कानपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने भी बंदी का विरोध किया था।
-केमिकल एंड डाइज एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री आरके सफ्फड़ ने भी बाजार खुले रहने की घोषणा की थी।