- लोकल रेजीडेंट्स और व्यापारियों ने जूही पुल का रूट चेंज करने की उठाई आवाज
- पुल बनने से लाखों की आबादी होगी प्रभावित, बिजनेस को भी होगा जबर्दस्त नुकसान
- फ्लाईओवर की डिजाइन बदलने के लिए सिग्नेचर कैम्पेन के अलावा आंदोलन की चेतावनी
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KANPUR : जूही पुल पर प्रस्तावित फ्लाईओवर की अब तक नींव भी नहीं है। मगर, बनने से पहले ही उसका विरोध शुरू हो गया है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अनुसार फ्लाईओवर के रास्ते पर घनी आबादी के अलावा टिम्बर उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। नाराज व्यापारियों ने आन्दोलन की चेतावनी दी है।
श्याम पैलेस से चाचा नेहरू तक
पिछले दिनों कमिश्नर मो। इफ्तखारुद्दीन के आदेशों के बाद पीडब्लूडी ने जूही फ्लाईओवर की डिजाइन फाइनल करके पेश की। कमिश्नर ने मौका मुआयना भी किया। प्रस्तावित फ्लाईओवर श्याम पैलेस से चाचा नेहरू हॉस्पिटल कोपरगंज तक गुजरेगा। मगर, बनने से पहले ही पुल का विरोध शुरू हो गया है। कानपुर व्यापार मंडल के पदाधिकारी गुरजिन्दर सिंह ने कहा कि ख्.8 किमी लंबा और क्0.भ् मीटर चौड़े पुल के निर्माण में अफीम कोठी से डिप्टी पड़ाव के बीच घनी आबादी व बस्ती वाले रास्ते पर जबर्दस्त कठिनाई होना तय है।
चेंज हो फ्लाईओवर का रूट
व्यापारियों ने कहा कि जब इस पुल का निर्माण होगा। तब घनी आबादी वाले इलाके में बड़े-बड़े गढ्डे व मिट्टी के ढेर व धूल-गर्द से व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित होगा। एरिया के लोगों के साथ ही व्यापारियों का आवागमन भी बाधित तय है। व्यापारियों ने फ्लाईओवर का रूट बदलने की मांग की है। क्षेत्रीय जनता व व्यापारियों के बीच आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुये व्यापारी अनीस भाई ने कहा कि यह पुल जूही राखीमंडी या रेलवे की खाली पड़ी जमीन से झकरकटी से चाचा नेहरू हॉस्पिटल के पास गुजारा जा सकता है।
कई चीजें होंगी प्रभावित
व्यापारियों का तर्क है कि पुल बनने से कई चीजें प्रभावित होंगी। व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अलावा मंदिर-मस्जिद व मजारे भी पुल के रास्ते में पड़ रहे हैं। इन्हें हटाये जाने पर तनाव भी हो सकता है। बैठक में तय हुआ कि मांगें मनवाने के लिए सबसे पहले हस्ताक्षर अभियान चलाकर प्रदेश के मुख्य सचिव से गुहार लगाई जाएगी। जरूरत पड़ने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन भी किया जाएगा।