- जीटी रोड किनारे लगे पेड़ों को काटने की एलएमआरसी ने मांगी है परमीशन
- फॉरेस्ट ऑफिसर्स ने प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट के कारण परमीशन देने से हाथ खड़े किए
-जीटी रोड की एनओसी एक महीने बाद भी नहीं मिल सकी सेंट्रल गवर्नमेंट से
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KANPUR: कानपुर मेट्रो के प्रॉयरिटी सेक्शन में काम शुरू करने की तैयारी के बीच एक बड़ी बाधा सामने आ गई है। जीटी रोड के पैरलल प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट निकल आया है। जहां लगे पेड़ों को काटने की परमीशन देने पर फिलहाल सिटी के फॉरेस्ट ऑफिसर्स ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके लिए सेंट्रल गवर्नमेंट से परमीशन लेने का सजेशन दिया। इससे कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का काम शुरू होने के पहले झटका लग सकता है।
स्वॉयल टेस्टिंग चल रही है
दरअसल शुरूआत में मेट्रो आईआईटी से मोतीझील तक दौड़ेगी। इस प्रॉयरिटी सेक्शन में 8.30 किलोमीटर लंबा एलीवेटेड ट्रैक व 9 मेट्रो स्टेशन का काम शुरू करने की तैयारी एलएमआरसी ने शुरू कर दी है। इसके लिए लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने 676 करोड़ के टेंडर भी किए थे। टेक्निकल के बाद अब फाइनेंशियल बिड भी खोली जा चुकी है। अक्टूबर में काम शुरू करने की तैयारी हो रही है। फिलहाल एलीवेटेड ट्रैक व मेट्रो स्टेशंस के लिए स्वॉयल टेस्टिंग भी चल रही है।
सेंट्रल गवर्नमेंट से ही परमीशन
प्रॉयरिटी सेक्शन के आईआईटी से गोल चौराहा के बीच जीटी रोड किनारे 300 से अधिक पेड़ है। जो कि मेट्रो स्टेशन और एलीवेटेड ट्रैक के रास्ते में हैं। इन्हें काटने की एलएमआरसी ने परमीशन मांगी है। मंडे को परमीशन के लिए लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अरविन्द सिंह भी सिटी आए थे। वह फॉरेस्ट ऑफिसर्स से भी मिले। डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर अरविन्द सिंह ने बताया कि आईआईटी से गोल चौराहा के बीच जीटी रोड किनारे लगे पेड़ों को काटने की एलएमआरसी ने परमीशन मांगी है। पर जीटी रोड के पैरलल प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट है। जिसका भारत सरकार से गजट नोटिफाइड भी है। इसलिए इसकी परमीशन फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से नहीं मिल सकती है। सेंट्रल गवर्नमेंट से ही पेड़ों को काटने की परमीशन लेनी होगी। इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 के तहत परमीशन तभी मिलती है जबकि दूसरी जगह पर लगभग दोगुना जमीन फॉरेस्ट डेवलप किया जाए। कुल मिलाकर इससे कानपुर मेट्रो लेट हो सकती है।
जीटी रोड की भी नहीं मिली एनओसी
पेड़ों को ही नहीं बल्कि अभी जीटी रोड पर मेट्रो दौड़ाने की भी लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन को एनओसी नहीं मिल सकी है। इसके लिए प्रपोजल सेंट्रल रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री को भेजा गया है। एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, मिनिस्ट्री से अभी तक जीटी रोड के लिए एनओसी नहीं मिली है।
प्रॉयोरिटी सेक्शन-- आईआईटी से मोतीझील
लंबाई-- 8.3 किलोमीटर
मेट्रो स्टेशन-- 9
प्रोजेक्ट कास्ट-- 676 करोड़
प्रोग्रेस-- टेक्निकल व फाइनेंशियल बिड खुल चुकी हैं