कानपुर (ब्यूरो) दीप प्रकाश दुबे का भाई विकास दुबे बिकरू कांड का आरोपी था। विकास के साथ मिलकर दीप प्रकाश आपराधिक वारदातें करता था। दोनों ने लखनऊ के एक स्क्रैप कारोबारी से सरकारी नंबर की अंबेसडर कार हड़प ली थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दीप प्रकाश दुबे के पास 30 स्प्रिंग राइफल थी लेकिन यह राइफल विकास दुबे ने अपने पास रखी थी। बिकरू कांड की रात विकास दुबे ने दीप की ही 30 स्प्रिंग राइफल से पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।


एनकाउंटर के डर से किया था सरेंडर
दीप प्रकाश पर लाइसेंसी असलहे के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने के मामले में कृष्णानगर और आलमबाग कोतवाली में केस दर्ज हैं। बिकरू कांड के बाद दीप प्रकाश दुबे कृष्णानगर की इंद्रलोक कॉलोनी स्थित घर से भाग गया था। पुलिस ने पहले उस पर 25 हजार और फिर 50 हजार रुपए का इनाम रखा था। एनकाउंटर के डर से दीपक प्रकाश ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।


इंद्रलोक कॉलोनी में भी है मकान
लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि विकास दुबे का भी मकान इंद्रलोक कॉलोनी में था, जिसे गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के तहत कानपुर पुलिस जब्त कर चुकी है। दीप प्रकाश दुबे के मकान की कीमत करीब 3 करोड़ रुपए है। पुलिस का दावा है कि दीप प्रकाश दुबे का मकान विकास दुबे की अपराध से कमाई हुई रकम से बनाया गया है। पुलिस ने दीप प्रकाश दुबे के मकान के सत्यापन की कार्यवाही पूरी कर ली है। बता दें कि साल 2020 के दो जुलाई को हुए बिकरू कांड के बाद पुलिस सभी छह एनकाउंटरों में पांच मुकदमे दर्ज किए, जिसमें सभी में चार्जशीट लग चुकी है।