- प्रेसीडेंट रामनाथ कोविंद ने दिया नारी शक्ति अवार्ड, पीएम नरेंद्र मोदी ने शेयर की कलावती के संघर्ष की कहानी
- ओपन डेफिकेशन के खिलाफ चलाई मुहिम, कानपुर में ही 4 हजार से ज्यादा कम्यूनिटी और सिंगल टॉयलेट बनवाएं
KANPUR: इंटरनेशनल विमेंस डे के मौके पर कानपुर में ओपन डेफिकेशन के खिलाफ 32 साल से मुहिम चलाने वाली कलावती को प्रेसीडेंट रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में नारी शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया। राजापुरवा में रहने वाली कलावती ने बस्तियों में 4 हजार से ज्यादा कम्यूनिटी टायलेट और सिंगल टायलेट तैयार कराए। साथ ही कानपुर को ओपन डेफिकेशन फ्री(ओडीएफ) सिटी बनाने में अहम योगदान किया। ओपन डेफिकेशन के खिलाफ कलावती की कहानी को पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शेयर किया। अपने टिवटर हैंडल से शीइंस्पायर्सअस हैश टैग से कलावती की कहानी से जुड़े तीन ट्वीट किए। साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया।
कौन हैं कलावती
मूलरूप से सीतापुर की रहने वाली कलावती 42 पहले शादी के बाद कानपुर आई। पति जयराज सिंह राज मिस्त्री थे। शुरुआत में कलावती ने भी मजदूरी की। राजापुरवा की जिस बस्ती में वह रहती थीं। वहां टायलेट को लेकर उन्होंने मुहिम शुरू की। श्रमिक भारती संस्था के साथ जुड़ कर उन्होंने बस्तियों में टायलेट बनवाने की मुहिम शुरू की। बूंद बचत नाम से समूह बना कर उन्होंने बस्तियों की महिलाओं से 10-10 रुपए का सहयोग लिया। इससे जुड़े पैसे से क्षेत्र के गरीब लोगों को कर्जमुक्त होने में भी मदद की। कलावती की मुहिम के चलते ही कानपुर की मलिन बस्तियों में सैकड़ों टायलेट तैयार हुए। इसके बाद उन्होंने गांवों को भी खुले में शौचमुक्त करने के लिए अभियान चलाया।