-एटीएम ट्रांजक्शन को ज्यादा अर्फोडेबल और सुरक्षित बनाने के लिए आरबीआई ने तय की गाइडलाइन, बनाई एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी
KANPUR: लगातार कम हो रहे एटीएम और कैश को लेकर आ रही प्रॉब्लम्स के बीच उनकी हालत सुधारने के लिए आरबीआई ने दो अहम कदम उठाए हैं। पहला एटीएम की सिक्योरिटी को लेकर है तो दूसरा एटीएम की संख्या बढ़ाने को लेकर। एटीएम की सिक्योरिटी को लेकर आरबीआई ने तीन मुख्य बिंदुओं पर गाइडलाइन जारी की है। जिसमें की गई सिफारिशों को सभी बैंकों और कैश लाजिस्टिक सपोर्ट करने वाली कंपनियों को 30 सितंबर तक पूरा करना होगा।
कमेटी का गठन
एटीएम की संख्या बढ़ाने को लेकर एक हाईलेवल कमेटी का गठन हुआ है। जोकि दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। आरबीआई के चीफ जीएम योगेश दयाल के मुताबिक 6 सदस्यीय इस टीम में भारतीय बैंक संघ के सीईओ वीजी कण्णन, इंडियन नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन के सीईओ दिलीप अस्बे, स्टेट बैंक के चीफ जीएम गिरि कुमार नायर, एचडीएफसी बैंक के एस संपत कुमार, एटीएम इंडस्ट्री कंफेडरेशन के डायरेक्टर के श्रीनिवास और टाटा कम्यूनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस के सीआईओ संजीव पटेल मेंबर बनाए गए हैं।
एटीएम सिक्योरिटी के लिए अब ये जरूरी-
- सभी एटीएम में कैश रखने के लिए उनमें डिजिटल वन टाइम कांबीनेशन वाला लॉक लगाना होगा
-एटीएम दीवारों और पिलर के स्ट्रक्चर में ही रखे जाएंगे। इस काम को 30 सितंबर 2019 तक पूरा करना होगा।
- बैंकों को सभी एटीएम में ई सर्विलांस सिस्टम को लगाना होगा जिससे गड़बड़ी पर फौरन अलर्ट किया जा सके।
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एटीएम का यूज बढ़ाने को लेकर इन पर हाेगा विचार-
- एटीएम से ट्रांजक्शन में आने वाले खर्चो, इंटरचेंज फीस की समीक्षा
- एटीएम के इकोसिस्टम को बनाने में आने वाले खर्चो की समीक्षा
- एटीएम इंटरचेंज फीस के स्ट्रक्चर को लेकर सिफारिशें देना।
- इन सभी बिंदुओं पर मिली सिफारिशों के जरिए ऑफ साइट एटीएम की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देना