कानपुर(ब्यूरो)। सरकारी विभागों पर केस्को का करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है। तमाम प्रयासों के बाद भी विभाग भुगतान नहीं कर रहे हैं। अब इस समस्या से बचने के लिए केस्को ने सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला लिया है। प्रीपेड मीटर के लगने से पहले उनको रीचार्ज कराना होगा, इसके बाद ही बिजली मिलेगी। जैसे ही रीचार्ज समाप्त होगा बिजली गुल हो जाएगी। दोबारा बिजली आपूर्ति के लिए फिर से रीचार्ज कराना पड़ेगा। इससे बकाए की समस्या खत्म हो जाएगी।

338 करोड़ बकाया
कंज्यूमर्स को बिजली बिल अदा करने के बाद भी बिजली संकट से परेशान होना पड़ता है। वहीं सरकारी विभागों पर करोड़ों बकाया होने के बाद भी अधिकारी व कर्मचारी धड़ल्ले से बिजली का प्रयोग कर रहे हैं। खुद की जेब से बिजली का बिल न भरने पर बिजली के उपकरणों का जरूरत से अधिक प्रयोग किया जाता है। ऐसे में बकाया बढ़ता जाता है और केस्को को राजस्व का नुकसान होता है। करोड़ों बकाया होने के बाद भी केस्को सरकारी विभागों की बिजली नहीं काटता है। सरकारी विभागों पर केस्को के 338 करोड़ रुपए बकाया हैं।

रिचार्ज करने पर ही
विभागों को बकाया बिलों की वसूली का नोटिस भेजा जाता है। बिजली काटी भी जाती है तो कुछ ही घंटों में जोड़ दी जाती है। अब केस्को सरकारी विभागों पर नकेल लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी सरकारी विभागों में पोस्टपेड मीटर हटाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। प्रीपेड मीटर लगने से जितना रीचार्ज कराया जाएगा उतनी ही बिजली मिल सकेगी। वहीं, केस्को मीडिया प्रभारी चंद्रशेखर अंबेडकर का कहना है कि पोस्टपेड मीटर हटाकर पूरे शहर में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट प्रीपेड मीटर मंगाए जा रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगा।

विभाग बकाया बिल
कानपुर फर्टिलाइजर 170.56 करोड़
जल निगम 147 करोड़
नगर निगम 13 करोड़
पंचायत राज 3 करोड़
कैंट बोर्ड 1.50 करोड़
लोक निर्माण 1.10 करोड़
ङ्क्षसचाई विभाग 90 लाख
प्राथमिक शिक्षा च्1 लाख
उच्च शिक्षा 28 लाख
सेवायोजन 9 लाख
एलोपैथिक चिकित्सा 2 लाख
----------
पोस्टपेड मीटर हटाकर पूरे शहर में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट प्रीपेड मीटर मंगाए जा रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
चंद्रशेखर अंबेडकर, वहीं, केस्को मीडिया प्रभारी