कानपुर (ब्यूरो) यूपी बोर्ड से जारी डिस्ट्रिक्ट टॉप 10 की लिस्ट में स्कॉलर्स ने अपनी बेहतर परफार्मेंस का जवाब दे दिया है। अपने माक्र्स के दम पर टॉप 10 की लिस्ट में 70 स्टूडेंट्स ने अपना कब्जा जमाया। शिक्षाविदों का मानना है कि बीते सालों में टॉप 10 की लिस्ट में कभी भी इतने स्टूडेंट्स नहीं होते थे। यह इस बात का संकेत देता है कि स्टूडेंट्स स्टडी को लेकर सीरियस हैैं और इसको आपसी प्रतिस्पर्धा भी मान सकते हैैं।


आउटर्स के स्कूलों ने बिखेरी चमक
टॉपर्स की लिस्ट में सिटी के स्कूलों ने भले ही स्टार्टिंग पोजिशंस में अपना कब्जा जमा लिया हो लेकिन साउथ सिटी और आउटर्स के स्कूलों के स्टूडेंट्स ने भी अपना जलवा बरकरार रखा है। सिटी के अलावा अर्रा, नौरंगा, मुरलीपुर, हरजेंदर नगर, नौबस्ता और घाटमपुर क्षेत्र के स्कूल के स्कालर्स ने भी कई स्थानों पर अपनी प्रेजेंट दर्शाई।

रिजल्ट आने से पहले रहा सन्नाटा
दोपहर एक बजे से ही स्टूडेंट्स ने स्कूलों में आना शुरू कर दिया। रिजल्ट आने स्कूलों में सन्नाटे सा माहौल रहा। हर स्टूडेंट के चेहरे पर चिंता की लकीरेंसाफ देखी जा रही थी। कोई पानी पीकर खुद को रिलैक्स फील कराने की कोशिश कर रहा था तो कोई शांत एक कोने में बैठा नजर आया। 1.30 बजे रिजल्ट घोषित होते ही मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन पर रिजल्ट को देखने की बेसब्री दिखी। स्क्रीन पर पास हुआ देखते ही हर कोई झूम उठा।

बीए (ऑनर्स) के बाद सिविल सर्विसेज में जाएंगी प्रतीक्षा
बीएनएसडी शिक्षा निकेतन से 12वीं की स्टूडेंट प्रतीक्षा सचान ने 96.20 परसेंट माक्र्स के साथ स्टेट में 7वां और सिटी में पहला स्थान पाया है। बर्रा 6 की रहने वाली प्रतीक्षा ने 10वीं में 91.2 परसेंट माक्र्स के साथ एग्जाम पास किया था। बताया कि वह डीयू या बीएचयू से बीए (ऑनर्स) की स्टडी करने के साथ साथ वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगी। वह भविष्य में आईएएस अफसर बनना चाहती है। अपनी सक्सेस के बारे में बताया कि डेली 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी से उन्होंने इस सक्सेस को पाया है। बताया कि गोल सेट करके और ब्रेक लेकर वह स्टडी को करती थी। इनके फादर विवेक सचान केबिल ऑपरेटर और मां सीमा सचान हाउस वाइफ हैैं।

आईआईटी से बीटेक कर इंजीनियर बनेंगी अर्चिता
दो साल पहले हाईस्कूल के एग्जाम में 95.8 परसेंट माक्र्स लाकर सिटी में सेकेंड रैैंक लाने वाली शिवाजी इंटर कॉलेज अर्रा की छात्रा अर्चिता वर्मा ने एक बार फिर से अपनी पढ़ाई का लोहा मनवा दिया है। ट्यूजडे को जारी हुए इंटरमीडिएट के रिजल्ट में 96.20 परसेंट माक्र्स लाकर स्टेट में 7वीं रैैंक और सिटी टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है। प्रिंटिंग कारोबार से जुड़े संजय गांधी नगर के रहने वाले शिव पाल वर्मा और गीता की बेटी अर्चिता आईआईटी से बीटेक कर इंजीनियर बनना चाहती हैं। सक्सेस के बारे में बताया कि उन्होंने कभी घंटे देखकर पढ़ाई नहीं की। लिख -लिखकर याद करने की आदत के चलते जो गलतियां होती थी, उन्हें सुधारने का मौका मिला। मैथ और साइंस के सवालों को दिन में कई बार लगाकर प्रैक्टिस की। यह कोचिंग की अपेक्षा सेल्फ स्टडी को बेहतर मानती हैैं।
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डॉक्टर बन सोशल सर्विस करेंगे घनेंद्र
ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन जवाहर नगर के घनेंद्र सिंह ने 12वीं में 95.6 परसेंट माक्र्स लाकर स्टेट में 10वां और सिटी में चौथा स्थान पाया है। इनके 10वीं में 95.6 परसेंट माक्र्स आए थे। बताया कि वह नीट की तैयारी कर रहे हैैं। उनका सपना एम्स नई दिल्ली या केजीएमयू से एमबीबीएस करके डॉक्टर बनना चाहते हैैं। इनका कहना है कि डॉक्टर बनने के बाद वह प्राइवेट प्रैक्टिस के अलावा सोशल सर्विस भी करेंगे। बताया कि उन्होंने सिलेबस को अलग अलग टॉपिक्स में बांटकर स्टडी से इस सक्सेस को पाया है। इनके फादर राम सिंह और मदर किरन सिंह गवर्नमेंट टीचर हैैं। यह बांदा के रहने वाले हैैं। सिटी मेें यह जवाहर नगर में रूम लेकर रह रहे हैैं।
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मां ने दूसरे के घरों में खाना बनाकर बेटे को बनाया टॉपर
पारितोष इंटर कॉलेज से 12वीं के स्टूडेंट उत्तम सिंह सेंगर ने 95.60 परसेंट माक्र्स लाकर स्टेट में 10वां और सिटी मेें चौथा स्थान पाया है। आंखों में आंसू लिए उत्तम ने बताया कि मां पूरा दिन घरों में खाना बनाती है। रात में थक कर आती है, लेकिन कभी भी भाई बहनों की स्टडी के बारे में इंफार्मेशन लिए बिना नहीं सोती है। बताया कि 2010 में पिता राजेंद्र सिंह सेंगर की एक्सीडेंट में डेथ हो गई थी। उसके बाद मदर अनीता सिंह सेंगर के कंधों पर पूरी जिम्मेदारी आ गई। ऐसे में परिवार के पालन-पोषण के लिए मां ने घर-घर जाकर खाना बनाने का काम शुरू किया। शुरुआत में कुछ परेशानियां भी आईं, लेकिन मां ने सभी परेशानियों का सामना कर मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है। यह आईआईटी से बीटेक कर इंजीनियर बनना चाहते हैैं। स्टडी के बारे में बताया कि कोई घंटे फिक्स नहीं किए थे, जब खाली हुआ तब पढ़ लेता था। मां अनीता सिंह ने बताया कि बेटे ने अपने पिता और मेरा सपना पूरा कर दिया है।