कानपुर(ब्यूरो)। ट्रेन में सफर के बीच भूख लगने पर अमूमन हम समोसा खाते हैं। यह खाने में टेस्टी के साथ ही हैवी होता है, जो काफी हद तक हमारी भूख शांत कर देता है। लेकिन कानपुर सेंट्रल स्टेशन का समोसा आपको बीमार बना सकता है। क्योंकि इन समोसों में सड़े-गले आलू और खराब क्वालिटी का तेल यूज किया जा रहा है। इतना ही नहीं, जहां यहां बनते हैं, वहां गंदगी और बदबू इतनी है कि आपका कुछ मिनट भी खड़े भी नहीं रह सकते हैं। ऐसे में हम तो यहीं कही कहेंगे कि भले ही भूखे रह जाना, पर समोसा नहीं खाना।
फूड इंस्पेक्टर ने पकड़ा
दरअसल, स्टेशन पर पैसेंजर्स को परोसा जा रहा अनहाईजेनिक फूड का मामले का खुलासा होने के बाद अवैध बेस किचन संचालकों में खलबली मची हुई है। लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े इस गंभीर मामले को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट लगातार चार दिनों से प्राथमिकता से प्रकाशित कर रहा है। जिसके बाद फूड इंस्पेक्टर ने भी सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड संचालित बेस किचन की जांच की। वहां के हालात बद से बदतर मिले। हालात ऐसे कि अगर एक बार वहां समोसे बनते या फिर उसमें यूज किए जाने वाले आलू की हालत देख लें तो समोसा खाना छोड़ देंगे।
चीफ हेल्थ सुपरिटेंडेंट ने मांगी लिस्ट
रेलवे सोर्सेस से मिली जानकारी के मुताबिक, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में खबर प्रकाशित होने के बाद एनसीआर रीजन ने भी इस समस्या को गंभीरता से लिया है। लिहाजा कानपुर के चीफ हेल्थ सुपरिटेंडेंट &सीएमएस&य ने रेलवे के संबंधित अधिकारी को लेटर जारी कर ऑथराइज बेस किचन की लिस्ट मांगी है। जिससे वहां पकने वाले भोजन के क्वालिटी चेक करने के लिए समय-समय पर सैम्पलिंग की जा सके।
एंट्री गेट में तैनात किए गए टीटीई
सेंट्रल स्टेशन के आसपास गंदगी के बीच संचालित अवैध बेस किचन में पकाया जाने वाली खाद्य सामग्री प्लेटफार्मों में फूड प्लाजा में सप्लाई न हो सके। इस पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने स्टेशन के कैंट साइड के तीनों मुख्य एंट्री गेट पर टीटी स्टॉफ को तैनात कर रखा है। जिससे बाहर से अवैध तरीके से स्टॉलों में सप्लाई किया जाने वाला समोसा, एग बिरयानी, वेज बिरयानी समेत अन्य खाद्य सामग्री पर अंकुश लगाया जा सके।
लाइसेंस नहीं दिखा पाया संचालक
सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड एसबीआई बैंक के बगल गली के अंदर गौरव इंटरप्राइजेज के नाम से चल रहे बेस किचन में तीन दिन पूर्व रेलवे के हेल्थ इंस्पेक्टर ने छापा मारा था। इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद जिले के फूड इंस्पेक्टर भी हरकत में आए और मौके में टीम के साथ पहुंच जांच की। जिले की फूड डिपार्टमेंट की टीम पहुंचते ही बेस किचन में काम कर रहे सभी कर्मचारी भाग गए। मौके पर एक महिला मिली थी। जिसको बेस किचन संचालक के रजिस्ट्रेशन दिखाने के लिए फूड डिपार्टमेंट के आफिस आने का कहा गया था, लेकिन थर्सडे को भी वह बेस किचन का रजिस्ट्रेशन दिखाने आफिस नहीं पहुंची।
मजबूत जड़ों पर खड़ा अवैध कारोबार
सेंट्रल स्टेशन पर फूड डिपार्टमेंट में कार्यरत एक कर्मचारी ने नाम न छापने का भरोसा दिलाने के बाद बताया कि ये कारोबार सालों से चल रहा है। इसकी जड़े काफी ऊपर तक फैली हुई है। जीएम व डीआरएम के अधिक प्रेशर पर समय-समय पर खाने की क्वालिटी की चेकिंग होती है। क्वालिटी फेल होने पर जुर्माना लगा कर छोड़ दिया जाता है। जबकि पैसेंजर्स के स्वास्थ से खिलवाड़ करने वालों को फूड लाइसेंस भी कैंसिल कर देना चाहिए।