कानपुर (ब्यूरो) । कई बार कातिल तो पुलिस के सामने होता है लेकिन कोई ठोस सबूत न होने के कारण वह कानून के घेरे में नहीं आ पाता। शहर में ऐसी कई वारदातें पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। अर्रा गांव में महिला की घर के अंदर हुई हत्या और यशोदा नगर में झोपड़ी में युवक की हत्या कर शव जलाने के मामले में भी कातिल पुलिस की नजरों के सामने है, लेकिन तमाम कोशिशों और पूछताछ के बाद भी उसके खिलाफ कोई इविडेंस नहीं है। ऐसे में अब अधिकारियों ने दोनों ही वारदातों में संदिग्धों का लाई डिटेक्टशन टेस्ट(पॉलीग्राफी टेस्ट) कराने की तैयारी कर रही है। संदिग्धों को परमिशन के लिए बुलाया है।

कातिल तो है लेकिन सबूत नहीं
अर्रा गांव निवासी फैक्ट्रीकर्मी अनोद कुमार मौर्या की पत्नी लक्ष्मी देवी का दो दिसंबर 2021 को घर के आंगन में शव मिला था। उसके हाथ-पैर चादर के टुकड़ों से बंधे थे। गला दुपट्टे से कसा गया था। नौबस्ता थाना पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने जांच की थी। इस दौरान जांच में पहली मंजिल के स्टोर में पुलिस को अधजले दस्तावेज मिले थे, जिसमें लक्ष्मी के मायके व ससुराल वाले मकान की रजिस्ट्री व एग्रीमेंट आदि शामिल थे। पुलिस की काफी छानबीन में परिवार का एक करीबी पुलिस के राडार पर आ गया थ। दिवंगत लक्ष्मी उसकी काफी मदद भी कर चुकी थी, लेकिन उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिल पाए। अब घटनास्थल हनुमंत विहार थाना क्षेत्र में आ चुका है, लेकिन घटना का राजफाश नहीं हुआ। ऐसे में पुलिस अधिकारियों ने मामले में संदिग्ध का लाई डिडेक्शन टेस्ट कराने का फैसला किया है। विवेचक पहले संदिग्ध से टेस्ट की अनुमति लेंगे। इसके बाद कोर्ट से परमीशन लेगी।

हत्या कर जला दिया था शव
28 फरवरी 2022 की रात यशोदा नगर बाईपास के पास एक झोपड़ी में न्यू श्याम नगर निवासी मजदूर विक्की की हत्या का शव जलाया गया था। नौबस्ता थाना पुलिस की जांच में विक्की के साथ आखिरी बार टेंट हाउस का एक मजदूर देखा गया था। उसके मोबाइल से विक्की के घर के नंबर पर कॉल भी घटना वाले दिन की काल भी मिली थी। पुलिस की जांच में वह घटना का सबसे संदिग्ध है। उसका भी लाई डिटेक्टर से जांच कराने की तैयारी हो रही है। परमीशन का प्रॉसेस पुलिस ने शुरू कर दिया है।