कानपुर(ब्यूरो)। बदले मौसम और दीपावली में हुई जबरदस्त आतिशबाजी ने सिटी की आबो-हवा खराब कर दी है। हवा में जहरीली गैंसों की मात्रा इतनी बढ़ृ गई है कि सांस लेना मुश्किल हो रहा है। खास तौर पर दमा और सांस के रोगियों की मुसीबत बढ़ गई है। पॉल्यूशन का लेवल कई गुना अचानक बढऩे से हॉस्पिटल्स में सांस रोगियों की संख्या में भी इजाफा हो गया है। मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल हो या फिर हैलट, उर्सला। ओपीडी में सांस से जुड़ी समस्या लेकर बड़ी संख्या में पेशेंट पहुंच रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स भी पॉल्यूशन से बचने और खानपान का ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं।
डेढ़ गुना बढ़े पेशेंट
मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के आंकड़ों के मुताबिक दीपावली के बाद सांस, दमा व सांस से संबंधित विभिन्न बीमारियों के पेशेंट की संख्या लगभग डेढ़ गुना बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि दीपावली में होने वाली आतिशबाजी और ठंड के मौसम में पाल्यूशन का स्तर बढ़ जाता है। लिहाजा इसी समय सांस व दमा रोगियों को अधिक केयर फुल रहने की जरूरत होती है। अगर आप सांस व दमा के पुराने रोगी हैं तो अ&छा होगा अपने चिन्हित डॉक्टर से एक बार परामर्श जरूर लें।
वायरल बीमारियों के साथ
मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के एचओडी डॉ। आनंद कुमार ने बताया कि वर्तमान में वायरल बीमारियों भी चल रही हैं। इसकी वजह से सांस, दमा व सांस संबंधित बीमारियों को चिन्हित करने में समस्या होती है। वायरल बीमारियों से ग्रसित कई पेशेंट निमोनिया से ग्रसित होते हैं। जिसमें भी पेशेंट को सांस लेने में समस्या होती है लेकिन वह नियमित दवाओं के खाने से एक सप्ताह में निमोनिया की समस्या खत्म हो जाती है। वहीं सांस व दमा के इंफेक्शन को खत्म होने में काफी समय लगता है।
एक सप्ताह बाद दिखेगा असर
चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के मुताबिक दीपावली के समय से ही मौसम बदलता है और आतिशबाजी के कारण पॉल्यूशन भी चरम पर पहुंच जाता है। पॉल्यूशन बढऩे से सांस व दमा रोगियों पर असर दिखाई देने लगता है लेकिन दीपावली के एक सप्ताह बाद इसका पूरा असर दिखाई देता है। क्यों कि पॉल्यूशन का असर चेस्ट में पहुंचने में कुछ दिन ले लेता है। इसके दो से तीन दिन बाद वह विकार रूप लेता है। हालांकि कुछ केसेस में पेशेंट में पाल्यूशन का असर बहुत जल्दी दिखाई देता है। अक्सर पुराने पेशेंट में यह असर जल्दी दिखाई देने लगता है।
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इसका रखें ध्यान
- मास्क लगातर ही घर से बाहर निकलें
-आइसक्रीम व कोल्ड ड्रिंक का यूज न करे
- जंक फूड का प्रयोग इस दौरान न करें
- चेंज ऑफ टेम्प्रेचर में जाने से बचें
- दमा व सांस रोगी मार्निंग वॉक करने न जाएं
- सांस रोगी घर पर ही योगा करें
आंकड़े
- 300 के लगभग पेशेंट की संख्या नार्मल दिनों में ओपीडी
- 400 से अधिक पेशेंट की वर्तमान में ओपीडी हो रही है
- 7 गुना अधिक सिटी का पाल्यूशन बढ़ा तीन दिन के अंदर
- 1 सप्ताह बाद दिखाई देगा पाल्यूशन का पूरा असर
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पॉल्यूशन की मुख्य वजह
-- जमकर की आतिशबाजी
-- खस्ताहाल रोड्स
-- रोड्स, फुटपाथ पर फैली गंदगी
- जगह जगह कूड़ा जलाना
- रिहायशी इलाकों में भारी वाहनों की घमाचौकड़ी
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पॉल्यूशन व ठंड के मौसम में सांस व दमा रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। सांस व दमा रोगियों को एक माह तक अधिक केयरफुल रहने की जरूरत है। घर के बाहर मास्क का यूज जरूर करें।
डॉ। आनंद कुमार, एचओडी, मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल, जीएसवीएम